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फर्जी प्रश्नपत्र बनाकर ठगी करनेवाला गिरोह धराया, असिस्टेंट प्रोफेसर समेत तीन चढ़े एसटीएफ के हत्थे

असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा का फर्जी प्रश्नपत्र बनाकर अभ्यर्थियों से कर रहे थे ठगी

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आयोध्या के निवासी हैं तीनों जालसाज, लाल बहादुर शास्त्री, डिग्री कालेज का सहायक प्रोफेसर है बैजनाथ 

लखनऊ, भदैनी मिरर। उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग की ओर से आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा का फर्जी प्रश्नपत्र बनाकर अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले तीन जालसाज यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ गये। इनमें अयोध्या के हैदरगंज निवासी बैजनाथ, उसके सगे भाई विनय कुमार और अयोध्या पूराकलंदर निवासी महबूब अली हैं। एसटीएफ ने तीनों जालसाजों को वेब माल के पीछे से पकड़ा। गिरफ्तार बैजनाथ लाल बहादुर शास्त्री, डिग्री कालेज, सिविल लाइन गोंडा में राजनीतिक शास्त्र का सहायक प्रोफेसर है। 
एसटीएफ के एडिशन एसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों के पास से 12 लाख से अधिक रूपये, दो डेबिट कार्ड, एक कार, तीन आधार कार्ड व तीन मोबाइल फोन बरामद हुआ है। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह करीब दस बजे एसटीएफ को मुखबिर से सूचना मिली कि वेब माल के पीछे कुछ लोग सहायक प्रोफेसर परीक्षा में प्रश्न न आने व रुपये की लेनदेन को लेकर विवाद कर रहे हैं। इस पर डिप्टी एसपी दीपक कुमार की टीम वहां पहुंची और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 
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12 लाख वसूल लिये थे, 35 लाख प्रति व्यक्ति हुआ था सौदा
एसटीएफ की पूछताछ पर बैजनाथ पाल ने बताया कि उसने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में सहायक प्रोफेसर पद की परीक्षा के अभ्यर्थियों को महबूब अली के तैयार किए गए फर्जी प्रश्न-पत्र देकर रुपये वसूले थे। दो अभ्यर्थी कपिल कुमार व सुनील कुमार से प्राणी-विज्ञान विषय का पेपर देने की बात तय हुई थी। इसके लिए उसने एक पेपर तैयार करा कर कपिल कुमार को अपने भाई विनय पाल से पढ़ाया था। उसे पढ़ने के बाद उसने कपिल से वह पेपर ले लिया और जला दिया था, ताकि कोई सबूत न बचे। इस बाबत उसने अबतक कपिल व सुनील से अब तक 12 लाख रुपये लिया है। जबकि 35 लाख रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से सौदा हुआ था। परीक्षा देने के बाद कपिल व सुनील लौटे और कहाकि जो बताया था वह प्रश्न नही आया। इसलिए उन्होंने जो पहले दिए रुपये थे उसे वापस करो। बैजनाथ ने दावा किया था कि उसके बताये सारे प्रश्न आएंगे। 
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10 लाख बैजनाथ के और एक- एक लाख महबूब विनय के
एडिशन एसपी ने बरामद पैसों के बारे में बताया कि यह 10 लाख रुपये उसके हिस्से के है जो कपिल व सुनील से उसके भाई विनय पाल ने रायबरेली में जाकर प्रश्न-पत्र देने के नाम पर लिया था। बाकी 2 लाख रुपये में एक लाख रुपये महबूब अली और एक लाख रुपये विनय के हिस्से का है। एसटीएफ के इस खुलासे के बाद परीक्षा पास कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक और गिरोह का खुलासा हुआ। एसटीएफ इनके अपराधिक रिकार्ड भी खंगाल रही है।
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