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विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़ा: Varanasi में फर्जी कंपनी और 2 कॉल सेंटर सीज, 7 आरोपी अरेस्ट

वाराणसी पुलिस कमिश्ररेट की बड़ी कार्रवाई, लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, पासपोर्ट-वीजा से लेकर फर्जी जॉब लेटर तक बरामद

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वाराणसी। विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा वाराणसी साइबर सेल व थाना चौक पुलिस टीम ने संयुक्त कार्रवाई में किया। पुलिस ने मोती झील महमूरगंज स्थित किराए के मकान में चल रही फर्जी कंपनी और दो कॉल सेंटरों को सीज कर सात अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। घटना का खुलासा डीसीपी क्राइम सरवणन टी, एडीसीपी नीतू काद्यान ने किया है। 
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ठगी का तरीका
गैंग के सदस्य फोन कॉल और विज्ञापनों के जरिए बेरोजगार युवाओं को गल्फ कंट्रीज, इजराइल, ओमान, कंबोडिया और साउथ अफ्रीका जैसी जगहों पर नौकरी का ऑफर देते थे। इसके एवज में वीजा, पासपोर्ट, मेडिकल और फ्लाइट टिकट शुल्क के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती थी। युवाओं को फर्जी जॉब ऑफर लेटर, नकली वीजा, मेडिकल सर्टिफिकेट और टिकट भेजे जाते थे। एयरपोर्ट पहुंचने पर पीड़ितों को धोखाधड़ी का पता चलता था। पैसे म्यूल एकाउंट्स में ट्रांसफर कराए जाते और कॉलिंग के लिए फर्जी सिम का इस्तेमाल किया जाता था।
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 गिरफ्तार आरोपियों में राकेश यादव (रोहनिया), मोहम्मद असलम (आदमपुर), राहुल गुप्ता (रोहनिया), अमित कुमार यादव (आदमपुर), प्रियांशु प्रजापति (आदमपुर) के अलावा दो महिला भी शामिल थी। इनके पास से 1 लैपटॉप, 9 मोबाइल, 4 पासबुक, 2 चेकबुक, 8 डेबिट कार्ड, 2 आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड, 1 पासपोर्ट, 2 वीजा, 7 ऑफर लेटर, 14 विज्ञापन पंपलेट, 9 बुकलेट, 1 क्यूआर कोड और 2 विजिटिंग कार्ड बरामद हुआ है। 
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NCCRP पोर्टल पर इस गैंग के खिलाफ देशभर से 6 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें ₹2.30 लाख की ठगी की पुष्टि हुई है।
पुलिस की सख्ती
वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने साफ किया है कि म्यूल एकाउंट व फर्जी सिम बेचने वालों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। युवाओं को सचेत किया गया है कि विदेश नौकरी के नाम पर किसी भी अनजान कॉल या एजेंसी पर भरोसा न करें।
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