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चर्चित गैंगरेप कांड : अब SIT खंगालेगी CDR और CCTV फुटेज

पुलिस ने 13 विंदुओं पर जांच के लिए गठित की है एसआईटी

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अज्ञात में दर्ज आरोपितों की गिरफ्तारी विशेष जांच दल (एसआईटी) की संस्तुति पर होगी

पुलिस उपायुक्त वरूणा जोन होंगे एसआईटी के अध्यक्ष

वाराणसी, भदैनी मिरर। लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र की युवती से सात दिनों तक गैंगरेप की सनसनीखेज वारादात की घटना सुर्खियों में आने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हैं। गुरूवार को आरोपितों के परिजनों की पुलिस कमिश्नर से शिकायत के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर दी गई हैं। पक्ष और विपक्ष के आरोपों को देखते हुए 13 मुख्य विदुओं की जांच होगी। 

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एसआईटी के अध्यक्ष पुलिस उपायुक्त वरूणा जोन प्रमोद कुमार होंगे। इसके अलावा अपर पुलिस उपायुक्त नीतू, अपर पुलिस आयुक्त अपराध श्रुति श्रीवास्तव, सहायक पुलिस आयुक्त कैंट विदुष सक्सेना, सर्विलांस सेल प्रभारी दिनेश कुमार यादव, एसओजी प्रभारी मनीष मिश्रा, साइबर सेल प्रभारी मनोज कुमार तिवारी सदस्य होंगे। मामले के विवेचक लालपुर-पांडेयपुर थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार सिंह भी टीम में शामिल हैं। टीम को यह निर्देश दिया गया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसी निर्दोष का उत्पीड़न न हो।

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टीम इन विंदुओं पर एसआईटी करेगी जांच

  1.  गैंगरेप पीड़िता 29 मार्च को घर से लापता हो गई थी तो 4 अप्रैल तक परिजनों ने उसके गायब होने की सूचना डायल 112 को क्यों नही दी।
  2. जब पीड़ित युवती को पुलिस ने चार अप्रैल को उसकी सहेली के घर से बरामद किया तो उसने पुलिस को अपने साथ हुए दुष्कर्म की बात क्यों नही बताई।
  3. पीड़िता के प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि 29 मार्च से 4 अप्रैल के मध्य बलात्कार किया गया। लेकिन एफआईआर के अनुसार इस दौरान वह दो बार अपनी सहेली के घर पर रही। ऐसे में उसने अपनी सहेली को अपने साथ हुए दुष्कर्म के बारे में क्यों नही बताई। 
  4. 29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच पीड़िता दो बार सहेली के घर रही, जबकि यहां से उसका घर महज 500 मीटर दूर है। ऐसे में वह अपने घर न जाकर सहेली के घर पर क्यों रही।
  5. पीड़िता के साथ 23 लोगों ने बलात्कार किया तो उसके शरीर पर चोट के निशान क्यों नही पाए गए।
  6. एफआईआर के अनुसार 30 मार्च को पीड़िता के परिचित समीर और उसके दोस्त द्वारा हाइवे पर मोटरसाइकिल पर ही गलत काम किया गया, क्या यह सम्भव है? इस सच्चाई का पता मोबाइल लोकेशन (सीडीआर) और सीसीटीवी फुटेज देखकर पता लगाया जाय।
  7. सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता 31 मार्च को दानिश, सोहेल और आयुष के साथ हंसी-खुशी जाते दिख रही है। बलात्कार पीड़िता का इस प्रकार घुमना कैसे सम्भव है।
  8. इंस्टाग्राम एकाउंट पर दो अप्रैल को पीड़िता ने खुद के कई पोस्ट और फोटो अपलोड किये हैं। इसमें वह स्वास्थ्य और खुश दिख रही है। जबकि 29 मार्च से 3 अप्रैल तक उसके साथ दुष्कर्म की बात एफआईआर में अंकित है।
  9. 31 मार्च को पीड़िता ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से आरोपित जाहिद खान जो कंटिनेंटल कैफे में काम करता है, को मैसेज किया। लिखा कि ‘हलो मैं आ रही हूं कैफे तुम्हारे‘। इसकी जांच की जाय।
  10.  एफआईआर में आरोपितों के परिजनों ने एक चार्ट बनाकर वर्णित किया है कि कब-कब उसका लोकेशन कहां-कहां रहा और कहां उसे छोड़ा गया। इसके अनुसार 29 मार्च को वह हुकुलगंज, 30 मार्च को नदेसर, एक अप्रैल के होटल के बाहर, उसी दिन दूसरे होटल के बाहर और फिर सिगरा आईपी मॉल पास दिखी है। दो अप्रैल को अस्सी घाट, 3 अप्रैल को सहेली के घर स्वतंत्र रूप से रही। इन स्थानों पर पीड़िता के साथ कोई आरोपित नही था। ऐसे में पीड़िता ने पुलिस या अपने माता-पिता को अपने साथ हुए गलत कार्य की सूचना क्यों नही दी।
  11. एफआईआर के अनुसार 31 मार्च को आरोपित दानिश ने उसके साथ रेप किया और उसको छोड़ दिया। फिर पीड़िता 3 अप्रैल को उसी दानिश के साथ चली गई, जहां उसके साथ फिर बलात्कार हुआ। जब पीड़िता के साथ तीन दिन पहले दानिश ने रेप किया तो स्वेच्छा से उसके साथ वह कैसे चली गई।
  12. जब होटल और कैफे में उसकी इच्छा के विरूद्व बलात्कार हुआ तो उसने शोर-शराबा क्यों नही मचाया।
  13. एफआईआर में 12 आरोपित नामजद हैं। जबकि कोर्ट में दिये गये बयान में पीड़िता ने उनमें से कुछ के नाम नही लिये। उसने बाकी आरोपितों का नाम कोर्ट में क्यों नही बताया। इसकी गहराई से जांच की जाय और जो आरोपित उनमें निर्दोष हो तो कार्यवाही की जाय। 

 

आरोपितों के परिजनों ने पुलिस को दिया है यह प्रार्थना पत्र

 

  • पीड़िता एक अप्रैल को एक महिला के घर सेंवई खाने गई थी। जबकि उसके साथ 29 मार्च से बलात्कार हो रहा था।
  • जब पुलिस ने पीड़िता को सहेली के घर से बरामद किया तो वह घर जाने को तैयार क्यों नही थी।
  • आरोप है कि पीड़िता के परिजनों द्वारा अज्ञात आरोपितों के नाम पर विभिन्न लोगों से पैसे मांगे जा रहे हैं और न देने पर मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही है।
  • ब्लैकमेल और पैसा वसूलने के लिए सोची-समझी रणनीति के तहत एफआईआर लिखवाई गई है। यह भी आरोप लगाया गया है कि पीड़िता की सारी लोकेशन उसके माता-पिता को पता थी। इसीलिए उन्होंने 29 मार्च से 4 अप्रैल तक पुलिस को सूचना नही दी। 
  • अधिकतर आरोपित पीड़िता के इंस्टाग्राम से पहले से जुड़े हैं।

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