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बैंककर्मी की मिलीभगत से करोड़ों का साइबर फ्रॉड, तीन आरोपी गिरफ्तार

फर्जी सिम और खातों के जरिए अन्य राज्यों में बैठे साइबर अपराधियों की करते थे मदद 

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फर्जी सिम और आधार कार्ड पर खोले खाते, दिल्ली-छत्तीसगढ़ तक बेचते थे डिटेल्स

गृह मंत्रालय की वेबसाइट से खुला फर्जी सिम का राज, पीड़ित की शिकायत बनी सुराग

टेलिकॉम और बैंक को दोषियों पर कार्रवाई के लिए नोटिस जारी

वाराणसी,भदैनी मिरर। कमिश्नरेट वाराणसी की साइबर सेल और थाना लालपुर-पांडेयपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़े साइबर क्राइम रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह फर्जी आधार कार्ड व सिम के जरिए म्यूल बैंक खाते खोलकर करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दे रहा था। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह में एक बैंक कर्मचारी की भी मिलीभगत सामने आई है। 

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क्या है मामला?

 

पीड़ित मेहताब खान ने शिकायत की थी कि उनके नाम पर एक अनजान मोबाइल सिम चल रही है, जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने गृह मंत्रालय की वेबसाइट https://tafcop.sancharsaathi.gov.in पर आधार नंबर डालकर यह जानकारी प्राप्त की। इसी शिकायत पर थाना लालपुर-पांडेयपुर में FIR  दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। तीन मुख्य आरोपियों को पहड़िया चौराहे के पास से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार होने वाले आरोपियों में सूर्यकांत विश्वकर्मा (नई बस्ती, लालपुर पांडेयपुर), विकाश मौर्या (विशेश्वरगंज) और मोहम्मद अरमान (कजाकपुरा) आदमपुर शामिल है। 

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यह था अपराध का तरीका 

खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि इन अपराधियों ने एक सोची-समझी योजना के तहत कम पढ़े-लिखे व गरीब लोगों को निशाना बनाया। जब कोई व्यक्ति सिम लेने या पोर्ट कराने आता था, तो डबल KYC करके फर्जी सिम निकाल लिया जाता था। साथ ही गरीब व झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के नाम पर आधार और पैन कार्ड बनवाकर बैंक खाते खोले जाते थे।
ये सिम और खाते दिल्ली, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में बैठे साइबर अपराधियों को कूरियर या बस से भेज दिए जाते, जिनका उपयोग फ्रॉड और ठगी में किया जाता था।

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पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में साक्ष्य बरामद किए हैं। पुलिस ने  28 सिम कार्ड (Airtel, Vi), 1 बायोमेट्रिक मशीन, 3 एंड्रॉइड मोबाइल (कीमत ₹72,000 लगभग), 5 कीपैड मोबाइल, 7 डेबिट कार्ड, 5 बैंक पासबुक, 5 बैंक चेकबुक, 2 आधार कार्ड और ₹820 नकद बरामद किया है। 

पुलिस ने संबंधित टेलिकॉम कंपनी को POS एजेंट का लाइसेंस रद्द करने हेतु और बैंक को आरोपी कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा है।

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