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जयपुर में जाली नोट गिरोह का भंडाफोड़: 6.51 लाख के नकली नोट बरामद, यूपी से सरगना गिरफ्तार

सी.एस.टी. टीम ने चित्रकूट क्षेत्र में दबिश देकर तीन आरोपितों को पकड़ा, उपकरण भी जब्त-सहारनपुर से गिरोह का मास्टरमाइंड चढ़ा पुलिस के हत्थे

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जयपुर। राजधानी जयपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच आयुक्तालय टीम ने नकली नोट तैयार करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने चित्रकूट (पश्चिम) थाना क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से कुल 6 लाख 51 हजार रुपये के जाली नोट बरामद किए गए। टीम ने छापेमारी के दौरान नकली नोट छापने से जुड़े उपकरण भी जब्त किए हैं।

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यह पूरी कार्रवाई पुलिस आयुक्त जयपुर सचिन मित्तल के मार्गदर्शन और विशेष पुलिस आयुक्त (ऑपरेशन्स) राहुल प्रकाश के निर्देशन में की गई। मामले की मॉनिटरिंग पुलिस उपायुक्त अपराध अभिजीत सिंह और नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (संगठित अपराध) लाल मीना द्वारा किया गया। निरंतर आसूचना संकलन और तकनीकी निगरानी के बाद टीम को यह सफलता मिली।

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यूपी से पकड़ा गया गिरोह का सरगना

जाली नोट गिरोह के सरगना गौरव पुडीर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार गौरव लंबे समय से नकली नोट छापने और सप्लाई करने का काम कर रहा था। उसके कब्जे से छपाई उपकरण भी बरामद हुए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपियों पर इससे पहले भी जाली नोटों से जुड़े प्रकरण दर्ज मिल चुके हैं।

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चित्रकूट थाने में दर्ज हुआ मामला

चित्रकूट थाना जयपुर (पश्चिम) में प्रकरण संख्या 491/2025 बीएनएस-2023 की धारा 178, 179, 180, 318(4) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस गिरोह की सप्लाई चेन, नेटवर्क और वित्तीय लाभ से जुड़े पहलुओं की गहन जांच कर रही है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

  • गोविन्द चौधरी, पुत्र मोतीलाल, उम्र 25 वर्ष, निवासी दुबालिया, तहसील रामपुर, जिला झालावाड़
  • देवेश फांडा, पुत्र रमेश फांडा, उम्र 40 वर्ष, निवासी आदित्य अपार्टमेंट, सेक्टर-08 चित्रकूट, जयपुर
  • तीसरे आरोपी को भी हिरासत में ले लिया गया है, जिसकी जानकारी पुलिस ने साझा की है।

टीम की अहम भूमिका

कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक रतन सिंह, हेड कांस्टेबल रामकिशन, कांस्टेबल संदीप, रामदयाल, ललित, शिवराज, चालक कांस्टेबल भंवर सिंह सहित सी.एस.टी. टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा चित्रकूट थाना पुलिस और आरपीएल जयपुर के खेमसिंह का भी सहयोग रहा।

नेटवर्क की कड़ी उजागर करने की कोशिश

पुलिस अब गिरोह की सप्लाई रूट, दूसरे राज्यों से जुड़ी कड़ियों और वित्तीय प्रवाह का परीक्षण कर रही है। शुरुआती जांच में यह जानकारी सामने आई है कि नकली नोटों का उपयोग राज्य और प्रदेश स्तर पर किया जा रहा था। पुलिस पूछताछ में और बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है।

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