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नहीं रुक रही घूसखोरी! वाराणसी में एंटी करप्शन ने मंडी निरीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा 

मंडी लाइसेंस बनवाने के लिए मांगा था ₹22 हजार का घूस, मिलने के लिए फोन पर बनाता रहा दबाव

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Mandi Nirikshak
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रिपोर्ट: वीरेंद्र पटेल

वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी जिले में सरकारी कर्मचारी घूसखोरी से बाज नहीं आ रही हैं। लिहाजा एंटी करप्शन टीम हर रोज किसी न किसी को ट्रैप कर रही है। रामनगर में वीडीए के जेई-एई समेत 3 की गिरफ्तारी के बाद अब एंटी करप्शन टीम में कछवां रोड मंडी निरीक्षक सतेन्द्र नाथ को ₹22 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। एंटी करप्शन टीम ने लालपुर-पांडेयपुर थाने में दाखिल करवाकर केस रजिस्टर्ड करवाया है।
जानकारी के अनुसार कोठान चांदमारी (थाना शिवपुर, वाराणसी) निवासी अजीत ओझा ने 15 जुलाई को एंटी करप्शन कार्यालय में एक लिखित प्रार्थना-पत्र दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने "रुद्र ट्रेडिंग कम्पनी" के नाम से एक मंडी लाइसेंस बनवाने के लिए 24 जून को ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन मंडी निरीक्षक ने ₹250 के वैध शुल्क के अतिरिक्त ₹22,000 की अवैध मांग की।
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शिकायतकर्ता के अनुसार, जब उन्होंने गरीबी का हवाला देकर असमर्थता जताई, तब भी आरोपी ने 20 से 25 बार फोन कर रिश्वत की मांग दोहराई और मिलने के लिए दबाव बनाया। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एंटी करप्शन टीम ने 21 जुलाई को जाल बिछाया।
सोमवार को मंडी निरीक्षक सतेंद्र नाथ ने अजीत ओझा को मिलने के लिए पहाड़िया मंडी के गेट नंबर-2, चेक पोस्ट संख्या-2 पर बुलाया। जैसे ही अजीत ओझा ने रिश्वत के पैसे मंडी निरीक्षक को थमाया एंटी करप्शन टीम ने आरोपी मंडी निरीक्षक को रंगे हाथ पकड़ लिया।
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इसके बाद आरोपी का हाथ धुलवाकर केमिकल जांच करवाई गई, जिसमें रिश्वत की पुष्टि हुई। आरोपी को गिरफ्तार कर लालपुर-पांडेपुर थाने लाया गया, जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
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