
फ्रॉड कंपनी नीलगिरी के मालिकों की जमानत याचिका रद्द, दोबारा भेजे गए है जेल
जमीन, प्लॉट और निवेश के नाम पर लाखों-करोड़ रुपए का किए है धोखाधड़ी, न्याय की उम्मीद में हैं निवेशक

Jun 13, 2025, 22:49 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर । जमीन, प्लॉट, मकान और निवेश के नाम पर कई राज्यों की भोली-भाली जनता की कमाई हड़पने वाले फ्रॉड कंपनी नीलगिरी इंफ्रासिटी के मालिक दंपति और मैनेजर की जमानत याचिका जिला जज जयप्रकाश तिवारी की अदालत ने खारिज कर दी। जमानत का विरोध शासकीय अधिवक्ता फौजदारी मुनीब सिंह चौहान और वादी के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी व शादाब अहमद ने किया।

अभियोजन के मुताबिक राहुल केसरी ने जमीन लेने के एवज में नीलगिरी के मालिकों को ₹19,92000 दिया था। बाद में उन्हें न तो जमीन मिली और न ही उनके पैसे। पैसे मांगे जाने पर धमकी मिलती थी। जिससे परेशान होकर राहुल केसरी ने जैतपुरा थाने में वर्ष 2022 में केस रजिस्टर्ड करवाया था। नीलगिरी इंफ्रासिटी के मालिक दंपति विकास सिंह और रितु सिंह के अलावा कंपनी का मैनेजर प्रदीप यादव सर्वोच्च न्यायालय से अन्तरिम जमानत पर छुटे थे। उसके बाद भी लगातार जनता तीनों के खिलाफ केस करवाती रही। केस की विवेचना कर रही थाना चेतगंज की पुलिस ने तीनों को फिर अरेस्ट कर जेल भेजा है। वादी राहुल केसरी के अलावा अन्य सात मामलों में सबकी जमानत निरस्त कर दी गई।



जाने फ्रॉड कंपनी नीलगिरी इंफ्रासिटी के बारे में
बता दें, कंपनी ने मलदहिया स्थित इंडियन प्रेस कॉलोनी में दफ्तर खोलकर नीलगिरी इंफ्रासिटी के नाम पर लोगों को सस्ते दामों में प्लॉट देने, विदेश यात्रा पैकेज, और कार देने जैसे लालच देकर बड़े पैमाने पर निवेश कराया। इस झांसे में आकर वाराणसी सहित पूर्वांचल के कई जिलों और बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के सैकड़ों लोग प्रभावित हुए। नीलगिरी इंफ्रासिटी ने लोगों को जमीन खरीदने का सुनहरा सपना दिखाया और धोखाधड़ी की।


कंपनी ने शुरुआत में कुछ लोगों को भुगतान कर विश्वास हासिल किया, लेकिन जैसे-जैसे मामला बढ़ा, हजारों लोगों के पैसे डूबते चले गए। गौरतलब है कि तीनों आरोपितों की साल 2021 में भी गिरफ्तारी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट से इन्हें इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वे निवेशकों का पैसा लौटाएंगे। कुछ धनराशि लौटाई भी गई, लेकिन इसके बाद नए पीड़ित सामने आए और फिर से मुकदमे दर्ज होने लगे।

विकास सिंह और उसकी पत्नी रीतू सिंह, जो पहले से ही महमूरगंज की महाराज नगर कॉलोनी में रहते हैं, के खिलाफ अकेले चेतगंज थाने में 113 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें धोखाधड़ी, निवेशकों को गुमराह कर पैसा वसूलने और अनुबंधों के उल्लंघन जैसे संगीन आरोप शामिल हैं। तीसरा गिरफ्तार आरोपी प्रदीप यादव लक्सा थाना क्षेत्र के जद्दूमंडी मोहल्ले का रहने वाला है, जो कंपनी में बतौर मैनेजर काम करता था।


