लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर मानवता और जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। योगी सरकार ने स्थायी रूप से दिव्यांग हो चुके होमगार्डों के आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस फैसले से उन परिवारों में उम्मीद की नई किरण जगी है, जो वर्षों से न्याय और आर्थिक सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे।
बहुस्तरीय जांच प्रक्रिया से होगी पारदर्शी नियुक्ति
नियुक्ति प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए योगी सरकार ने बहुस्तरीय जांच प्रणाली लागू की है। नई प्रक्रिया के तहत आवेदन की जांच चार प्रमुख चरणों में होगी:
- जिलास्तरीय जांच: सीएमओ की अध्यक्षता में समिति आवेदन की प्राथमिक जांच करेगी।
- जिला कमांडेंट की सिफारिश: समिति की मंजूरी के बाद फाइल डीजी होमगार्ड कार्यालय भेजी जाएगी।
- मुख्यालय स्तर पर समीक्षा: स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की समिति गहन जांच करेगी।
- अंतिम निर्णय: डीजी होमगार्ड कार्यालय समिति की सिफारिश पर नियुक्ति का अंतिम निर्णय लेगा। 2022 में भर्ती में अनियमितताओं के बाद लागू हुई थी रोक
2022 में भर्ती प्रक्रिया में अपात्र उम्मीदवारों की नियुक्ति और अनुग्रह राशि के दुरुपयोग के मामलों ने विवाद खड़ा किया था। इन घटनाओं के बाद योगी सरकार ने नियुक्तियों पर रोक लगाकर नीति में व्यापक सुधार की पहल की। अब नई जांच प्रणाली में सत्यापन और निगरानी को मजबूत किया गया है, जिससे ऐसी अनियमितताओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
250 लंबित मामलों को जल्द मिलेगी राहत
रोक के कारण वर्षों से लंबित 250 से अधिक मामलों को अब प्राथमिकता से निपटाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इन मामलों का संज्ञान लेते हुए स्पष्ट किया कि पात्र परिवारों को शीघ्र नियुक्ति मिलनी चाहिए।