कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat), केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहन भागवत ने संविधान का अपमान कर देशद्रोह जैसा कृत्य किया है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों के आंकड़े साझा करने की मांग की और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया।
भागवत के बयान को देशद्रोह करार दिया
राहुल गांधी ने कहा, “मोहन भागवत ने संविधान पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है। यह देशद्रोह है। उन्होंने संविधान और स्वतंत्रता आंदोलन को अमान्य बताया, जो हर भारतीय नागरिक का अपमान है। यदि किसी और देश में ऐसा बयान दिया जाता, तो वह व्यक्ति कानून के दायरे में होता।”
केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सत्ता में बैठे लोग न तो तिरंगे का सम्मान करते हैं और न ही संविधान का। उनका असली उद्देश्य दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को दबाना है। कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो इस दमनकारी मानसिकता के खिलाफ मजबूती से खड़ी है।”
कांग्रेस की ऐतिहासिक विरासत की चर्चा
कांग्रेस पार्टी के योगदान पर प्रकाश डालते हुए राहुल गांधी ने कहा, “कांग्रेस भवन देश के उन नेताओं की मेहनत और त्याग का प्रतीक है जिन्होंने संविधान और स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। महात्मा गांधी, नेहरू और सरदार पटेल जैसे नेताओं की विरासत इस भवन में समाई हुई है। हमें इसे संजोने और इसके विचारों को देशभर में फैलाने का कर्तव्य निभाना है।”
आरएसएस की विचारधारा पर सवाल
आरएसएस की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा, “भारत की मिट्टी में शिव, बुद्ध, गुरु नानक और कबीर जैसे महान विचारक हैं, जो समानता और भाईचारे के प्रतीक हैं। आरएसएस की विचारधारा में ऐसा कोई प्रतीक नहीं है जो भारत की संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधित्व करे। कांग्रेस का उद्देश्य इन मूल्यों को बनाए रखना और देश के कोने-कोने में पहुंचाना है।”