बिहार चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफे शुरू, महिला प्रदेश अध्यक्ष ने दिया पद से इस्तीफा
टिकट बंटवारे में महिलाओं की अनदेखी का आरोप; नाराज गुट का पटना प्रदेश कार्यालय में धरना जारी, प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ इस्तीफे की मांग तेज

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में भीतरघात और असंतोष उभर कर सामने आ गया है। हार के बाद संगठन में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। शुक्रवार को कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष सरवत जहां फातमा ने अपने पद से इस्तीफा देकर बड़ा राजनीतिक संकेत दिया। उन्होंने टिकट वितरण में महिलाओं की अनदेखी और संगठनात्मक उपेक्षा के गंभीर आरोप पार्टी आलाकमान पर लगाए।



टिकट बंटवारे में महिलाओं को सिर्फ 8% प्रतिनिधित्व
सरवत जहां ने कहा कि कांग्रेस ने इस बार विधानसभा चुनाव में महिलाओं को केवल 8 प्रतिशत टिकट दिया, जो बेहद निराशाजनक है। उन्होंने बताया कि वह दो साल से अधिक समय से महिला प्रदेश अध्यक्ष के पद पर थीं और इस दौरान सभी महिला कार्यकर्ताओं ने बूथ स्तर तक जाकर मेहनत की, लेकिन टिकट वितरण में उनकी आवाज़ को महत्व नहीं दिया गया।
सरवत ने यह भी आरोप लगाया कि उनसे पहले महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं नेताओं को टिकट दिया जाता रहा है, लेकिन इस बार उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।

कांग्रेस को मिली शर्मनाक हार, सिर्फ 6 सीटों पर जीत
महागठबंधन के साथ मिलकर 70 से ज्यादा सीटों पर लड़ने के बावजूद कांग्रेस केवल 6 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई। कई मौजूदा विधायक भी अपनी सीट नहीं बचा सके। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, और विधायक दल के नेता रहे शकील अहमद खान भी हार गए।

हार के बाद कांग्रेस में बढ़ा आंतरिक असंतोष
पार्टी को मिली हार के बाद असंतुष्ट नेताओं ने फिर से पटना स्थित कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। नाराज गुट के नेता टिकट बंटवारे में गड़बड़ी और नेतृत्व की विफलता का आरोप लगाते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु से इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।
महागठबंधन में हार और संगठनात्मक संकट
विश्लेषकों का मानना है कि टिकट वितरण में असंतोष, रणनीति की कमजोरी और संगठनात्मक ढिलाई ने इस बार कांग्रेस को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया।
अब इस्तीफों और विरोध प्रदर्शनों ने पार्टी की अंदरूनी चुनौतियों को और गहरा कर दिया है।


