
प्रशांत किशोर के बाद तेजस्वी यादव का बड़ा बयान: भ्रष्टाचारियों की लिस्ट तैयार, जल्द होगा खुलासा
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार और अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप, बोले- करोड़ों की संपत्ति मिली, कार्रवाई नहीं हो रही



पटना। बिहार की राजनीति में भ्रष्टाचार को लेकर घमासान तेज हो गया है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रविवार को पटना स्थित अपने सरकारी आवास एक पोलो रोड पर पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है और कोई ऐसा विभाग नहीं बचा है जहां घोटाले न हुए हों।


तेजस्वी ने साफ कहा कि जदयू-भाजपा नेताओं से ज्यादा राज्य के भ्रष्ट अधिकारी डरे हुए हैं, खासकर "डीके गिरोह" की छत्रछाया में काम करने वाले अधिकारी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार इन्हीं अधिकारियों की वजह से विपक्ष सत्ता में नहीं आ सका था, लेकिन इस बार जनता सतर्क है। महागठबंधन सरकार बनने पर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

“सबकी लिस्ट है मेरे पास” – तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि इंजीनियरों के यहां करोड़ों की संपत्ति मिल रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। मंत्रियों और अधिकारियों ने अपने बेटे-बेटी और रिश्तेदारों के नाम पर देश-दुनिया में निवेश किया है। उन्होंने कहा कि “सबकी सूची मेरे पास है और आने वाले दिनों में इसका खुलासा करूंगा।”

उन्होंने पीएम मोदी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद 31 घोटालों का जिक्र किया था, तो फिर ईडी और सीबीआई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। उल्टा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले विपक्ष पर कार्रवाई हो रही है।
प्रशांत किशोर ने लगाए थे आरोप
इससे पहले जन सुराज के प्रशांत किशोर (PK) ने भी सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
- उन्होंने मंत्री अशोक चौधरी पर 200 करोड़ की जमीन खरीदने का आरोप लगाया।
- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने और पत्नी के नाम दिल्ली में फ्लैट खरीदने के आरोप लगाए।
- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज पर कब्जा और हत्या केस को दबाने का आरोप लगाया।
- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर फर्जी डिग्री लेने और नाम बदलकर पद पाने का आरोप लगाया।
- सांसद संजय जायसवाल पर पेट्रोल पंप घोटाले और फर्जी बिलिंग से करोड़ों की कमाई करने का आरोप लगाया।
इन आरोपों पर कई नेताओं ने पीके को मानहानि नोटिस भेजा है और जवाब भी दिया है, लेकिन बिहार की राजनीति में यह मुद्दा अब गरमा चुका है।

