खबर का असर : BHU में 232 अधिकारियों के CUG मोबाइल नंबर बंद होने का मामला , विश्वविद्यालय ने दी यह सफाई
बीएचयू के अधिकारी सरकारी कामकाज में सीयूजी का करते है इस्तेमाल
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में कार्यरत 232 स्थायी अधिकारियों को दिए गए CUG (क्लोज्ड यूज़र ग्रुप) मोबाइल नंबरों को बंद करने का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिया है। इस फैसले को भदैनी मिरर द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था और विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम को "तुगलकी फरमान" करार देते हुए आलोचना की गई थी, जिसके बाद अब विश्वविद्यालय की ओर से स्पष्टीकरण सामने आया है।
क्या है मामला?
22 जून 2025 को BHU प्रशासन ने एक आदेश जारी करते हुए 232 अधिकारियों को आवंटित CUG नंबरों को 30 जून तक सरेंडर करने का निर्देश दिया था। ये वही नंबर थे जिनसे विश्वविद्यालय में मीडिया, मंत्रालय, शिक्षकों और छात्र प्रतिनिधियों के बीच आधिकारिक संवाद होता था। पूर्व कुलपतियों ने इन्हें पारदर्शी और सुलभ संचार प्रणाली को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लागू किया था। बीएचयू में स्थाई पदों पर नियुक्त अधिकारियों ने जेम पोर्टल से लेकर मंत्रालय और आरटीआई तक में सीयूजी नंबर को ही दर्शाया है। इसके अलावा कुछ पुराने अधिकारी ऐसे है जिनके पास वही सीयूजी नंबर ही है।
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विश्वविद्यालय ने दी सफाई
मंगलवार को BHU के सहायक कुलसचिव (सामान्य प्रशासन) अशोक कुमार शर्मा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि किसी भी पात्र अधिकारी को टेलीफोन सुविधा से वंचित नहीं किया जा रहा है। बल्कि, यह निर्णय उन CUG नंबरों की समीक्षा के बाद लिया गया है, जो लंबे समय से उपयोग में नहीं थे, जबकि उनके लिए विश्वविद्यालय को हर महीने भुगतान करना पड़ता था। हालांकि खबर चलने के बाद विश्वविद्यालय ने सरेंडर करने की अवधि को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है।
क्या कहा गया है पत्र में?
- विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि इस विषय की जांच के लिए कुलपति द्वारा एक समिति का गठन किया गया था।
- समिति की सिफारिशों के आधार पर यह तय किया गया कि सिर्फ कार्यकाल आधारित और ट्रांसफरेबल पदों से जुड़े CUG नंबर ही चालू रहेंगे।
- बाकी सभी CUG सिम समर्पित (सस्पेंड) कर दिए जाएंगे।
- जिन अधिकारियों के पास CUG सिम है, वे चाहें तो उसे BSNL से प्रीपेड में पोर्ट करवा सकते हैं या फिर अपने निजी नंबर के लिए टेलीफोन खर्च की प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकते हैं।
- विश्वविद्यालय इस कार्य के लिए आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) भी जारी करेगा।