वाराणसी में 27 सितंबर को होगा "मतदाता अधिकार सम्मेलन", कथित वोट चोरी के खिलाफ जुटेगा राजनीतिक दल
पराड़कर स्मृति भवन में दोपहर 1:30 बजे से होगा आयोजन, सुप्रिया श्रीनेत, सुनिल सहस्रबुद्धे और पीयूसीएल महासचिव होंगे मुख्य वक्ता
वाराणसी। बनारस का राजनीतिक और नागरिक नेतृत्व 27 सितंबर को वोट चोरी के खिलाफ एकजुट होने जा रहा है। पराड़कर स्मृति भवन में दोपहर 1:30 बजे से आयोजित होने वाले "मतदाता अधिकार सम्मेलन" में विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी होगी।
सम्मेलन को मुख्य रूप से कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, विद्या आश्रम जनांदोलन के अगुवा सुनिल सहस्रबुद्धे और मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल बिहार के महासचिव सरफराज भाई संबोधित करेंगे।
इस सम्मेलन में बनारस और आस-पास के नागरिकों के साथ-साथ किसान, छात्र, नौजवान, बुनकर और महिलाएं भी शामिल होंगी। सम्मेलन का मुख्य एजेंडा आगामी चुनावों में वोट चोरी की आशंका को लेकर जनता को जागरूक करना और इसके खिलाफ ठोस रणनीति तैयार करना है।
आयोजकों का कहना है कि जिस तरह बिहार में SIR योजना को वोट चोरी के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया, अब उसे पूरे देश में लागू करने का फैसला लिया गया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश भी इसके निशाने पर है। इसी खतरे से निपटने और जनता को तैयार करने के लिए वाराणसी में यह सम्मेलन किया जा रहा है।
सम्मेलन में यह सवाल भी उठाया जाएगा कि क्या वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में भी मतदान प्रक्रिया में हेरफेर की गई? क्या चुनाव आयोग ने सत्ता के पक्ष में पक्षधरता दिखाई? इन पहलुओं की जांच और अध्ययन के लिए भी सम्मेलन में योजना बनाई जाएगी।
आयोजकों ने नागरिक समाज से अधिक से अधिक भागीदारी की अपील करते हुए कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा और मतदाता अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए यह लड़ाई जरूरी है। यह जानकारी कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।