उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उतारा मैदान में, NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगी टक्कर
INDIA गठबंधन ने किया उम्मीदवार का ऐलान, 21 अगस्त को करेंगे नामांकन
मल्लिकार्जुन खरगे बोले – गरीबों और संविधान के संरक्षक हैं जस्टिस रेड्डी
9 सितंबर को होगा उपराष्ट्रपति चुनाव, एनडीए और विपक्ष में सीधी जंग
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्षी गठबंधन INDIA ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उनका सीधा मुकाबला एनडीए (NDA) प्रत्याशी और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से होगा। चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान की तारीख 9 सितंबर तय की है।
विपक्ष की रणनीति और ऐलान
विपक्ष ने पहले ही संकेत दे दिया था कि वह एनडीए की ओर से उम्मीदवार घोषित होने के बाद ही अपने नाम पर मुहर लगाएगा। सोमवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर INDIA गठबंधन की बैठक हुई, जिसके बाद मंगलवार को जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम का ऐलान किया गया। विपक्ष ने दावा किया है कि उनका यह फैसला एकमत से लिया गया है। विपक्षी गठबंधन ने बताया कि जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे।
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में कहा कि "बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उन्होंने हमेशा गरीबों, वंचितों और संविधान के मूल्यों की रक्षा की। उनके फैसले सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को आगे बढ़ाने वाले रहे हैं।"
कौन हैं जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी?
जस्टिस रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगारेड्डी जिले के अकुला मायलाराम गांव में हुआ था। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रेड्डी ने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और 1971 में वकालत शुरू की। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में कई अहम मामलों की पैरवी की।
- 1988 में वे सरकारी वकील बने।
- 1990 में केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील रहे।
- 2 मई 1995 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जज नियुक्त हुए।
- 2005 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
- 2007 से 2011 तक वे सुप्रीम कोर्ट के जज रहे।
एनडीए बनाम विपक्ष
जस्टिस रेड्डी का मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा। विपक्ष ने जहां उन्हें "गरीब हितैषी और संविधान के रक्षक" बताया है, वहीं आंकड़ों के लिहाज से राधाकृष्णन की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव होना है। संसद के दोनों सदनों के सांसद मिलकर मतदान करेंगे। ऐसे में मुकाबला भले ही कांटे का दिखे, लेकिन एनडीए के पास संख्याबल की बढ़त है। बावजूद इसके विपक्ष ने इस चुनाव को "विचारधारा की लड़ाई" करार दिया है।