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वाराणसी वकील-पुलिस विवाद: PM मोदी को अजय राय ने लिखा पत्र, अधिवक्ताओं के उत्पीड़न पर जताई चिंता 

योगी सरकार की चुप्पी पर साधा निशाना – ‘संवेदनहीनता की हद’,  वकील केवल पेशेवर नहीं, संविधान और लोकतंत्र के प्रहरी: अजय राय

 

तीन मुख्य माँगें – संवाद, दोषियों पर कार्रवाई और वकीलों की सुरक्षा

वाराणसी,भदैनी मिरर। वकीलों और पुलिस के बीच लगातार बढ़ते विवाद ने काशी को संकट में डाल दिया है। इस मामले में कांग्रेस नेता और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की माँग की है।

अजय राय ने अपने पत्र में लिखा कि वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है और इसे ज्ञान व न्याय की धरती कहा जाता है। आज यहाँ वकीलों और पुलिस के बीच का विवाद लोकतंत्र की जड़ों को हिला रहा है। उन्होंने कहा कि वकील और पुलिस दोनों ही समाज के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, लेकिन जब ये आमने-सामने हों तो यह शासन-प्रशासन की विफलता और संवेदनहीनता को दर्शाता है।

योगी सरकार पर हमला

अजय राय ने यूपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि “प्रदेश सरकार मूकदर्शक बनी तमाशा देख रही है। यह वकीलों की पीड़ा के प्रति घोर असंवेदनशीलता है।” उन्होंने पीएम मोदी पर नैतिक, राजनीतिक और संवैधानिक दायित्व निभाने का दबाव डालते हुए कहा कि “आपकी चुप्पी लोकतंत्र और संविधान पर कुठाराघात होगी।”

तीन मुख्य माँगें

अजय राय ने प्रधानमंत्री से तीन माँगें रखीं—

  1. केंद्र और राज्य सरकार तत्काल हस्तक्षेप कर वकीलों, पुलिस प्रशासन और न्यायिक अधिकारियों के बीच संवाद की प्रक्रिया शुरू करे।
  2. वकीलों पर हुए हमलों और अपमानजनक व्यवहार के दोषियों पर कठोर एवं निष्पक्ष कार्रवाई की जाए।
  3. भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों, इसके लिए वकीलों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी सुनिश्चित की जाए।

वकील लोकतंत्र के प्रहरी

पत्र में अजय राय ने कहा कि वकील केवल एक पेशेवर समूह नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र के प्रहरी हैं। उनके साथ पुलिसिया उत्पीड़न पूरे न्याय तंत्र पर हमला है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार चुप रही, तो यह माना जाएगा कि वह इस अन्याय की भागीदार है।

अजय राय ने अंत में कहा कि कांग्रेसजन वकील समाज के साथ खड़े हैं और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संघर्ष करेंगे।