बीजेपी शासन में तानाशाही चरम पर -स्वतंत्रता सेनानियों के कार्यक्रम पर रोक से भड़की सपा
चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह बोले- गरीब समाज के महापुरुषों को भुलाना चाहती है भाजपा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दुरुपयोग कर रही है सरकार
वाराणसी। भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में तानाशाही अपने चरम पर पहुँच गई है — ऐसा आरोप समाजवादी पार्टी के चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने लगाया है। गुरूवार को अपने आवास पर प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि अब गरीब समाज के मसीहाओं और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिनिर्वाण दिवस पर उनके अनुयायियों को कार्यक्रम आयोजित करने का भी अधिकार नहीं रह गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. मंगल बियार जी के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित समारोह की अनुमति प्रशासन द्वारा अचानक रद्द कर दी गई। इतना ही नहीं, समारोह स्थल पर मौजूद लोगों के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार और तोड़फोड़ की गई। आयोजकों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने मंच पर लगे बैनर-पोस्टर फाड़ दिए, और मिष्ठान सामग्री भी बिखेर दी।
स्व. मंगल बियार जी गरीब तबके से आने वाले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने आज़ादी के आंदोलन में अपना सर्वस्व न्योछावर किया था। उनके अनुयायियों ने कहा कि वे समाज सुधार और जागरूकता की दिशा में काम करना चाहते हैं, लेकिन सरकार इस तरह के सामाजिक जागरण को रोकना चाहती है।
समाजवादी पार्टी ने इस घटना को शासन सत्ता की तानाशाही करार दिया। पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में न तो चुनाव आचार संहिता लागू है और न ही कोई संवेदनशील स्थिति है, फिर भी समाज के महापुरुषों के परिनिर्वाण दिवस पर कार्यक्रम रोकना कानून का स्पष्ट दुरुपयोग है।
सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा - “बीजेपी गरीब समाज में जन्मे महापुरुषों के दिवस भी मानने नहीं देना चाहती। मिर्जापुर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर स्वतंत्रता सेनानी मंगल बियार जी के अवतरण दिवस कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी। टेंट तोड़ा गया, प्रसाद बिखेरा गया और आयोजकों को हिरासत में लिया गया। यह लोकतंत्र पर हमला है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गरीब और पिछड़े वर्गों को शिक्षित और सशक्त नहीं होने देना चाहती। “जब तक समाजवादी पार्टी राजनीति में रहेगी, गरीबों, मजदूरों और दलित समाज के सम्मान और अधिकार की लड़ाई जारी रहेगी।”