दालमंडी चौड़ीकरण पर अजय राय का प्रधानमंत्री मोदी को पत्र, कहा- ‘विकास के नाम पर हो रहा है विस्थापन’
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पीएम मोदी से की तत्काल हस्तक्षेप की मांग
कहा— प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर रहा, व्यापारियों और निवासियों में बढ़ा आक्रोश
वाराणसी। वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र में चल रहे सड़क चौड़ीकरण अभियान को लेकर अब सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
अजय राय ने अपने पत्र में कहा है कि प्रशासन द्वारा दालमंडी में एकतरफा कार्रवाई की जा रही है, जिससे स्थानीय दुकानदारों और निवासियों में गहरा आक्रोश है। उन्होंने कहा कि विकास कार्य के नाम पर हजारों लोगों के रोज़गार और आशियाने पर संकट मंडरा रहा है।
अजय राय ने पत्र में क्या लिखा
अजय राय ने पीएम मोदी को भेजे गए पत्र में लिखा -“काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विस्तार के हिस्से के रूप में दालमंडी की गलियों को 8 फीट से बढ़ाकर 23 फीट चौड़ा करने की योजना से हजारों व्यापारी और निवासी प्रभावित हो रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मई 2025 में तोड़फोड़ पर रोक लगाई थी, फिर भी प्रशासनिक कार्रवाई जारी है।”
उन्होंने आगे कहा कि - “वाराणसी विकास प्राधिकरण ने 25 साल पुराने मामलों के आधार पर नोटिस जारी किए हैं। जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि व्यापारी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह पूरा मुद्दा अब ‘विकास बनाम विस्थापन’ की बहस में बदल गया है।”
विवाद का केंद्र - 17.04 मीटर चौड़ी सड़क
प्रशासन की योजना के अनुसार दालमंडी में 17.04 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जानी है। इस दौरान कई दुकानों और भवनों का ध्वस्तीकरण अभियान जारी है।
अजय राय ने सवाल उठाया कि जब लहुराबीर से गोदौलिया और मैदागिन से विश्वनाथ मंदिर तक की सड़क 14 मीटर चौड़ी प्रस्तावित है, तो केवल दालमंडी को 23 मीटर चौड़ा करना कहाँ तक न्यायसंगत है?
मुआवजे और पुनर्वास की मांग
अजय राय ने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि अगर चौड़ीकरण आवश्यक है तो विस्थापित किए जा रहे लोगों को 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही प्रभावित दुकानदारों को किसी अन्य स्थान पर नई दुकानें आवंटित की जाएं ताकि उनकी आजीविका बनी रहे।
उन्होंने कहा - “वाराणसी आपका संसदीय क्षेत्र है, इसलिए यह अपेक्षा है कि आप खुद संज्ञान लेकर स्थानीय प्रशासन को अवैध ध्वस्तीकरण रोकने और विस्थापितों के पुनर्वास के आदेश जारी करेंगे।”
क्या है दालमंडी की अहमियत
दालमंडी पूर्वांचल की सबसे बड़ी थोक मंडियों में से एक है। यहां वर्षों से सैकड़ों व्यापारी अपने परिवारों के साथ व्यवसाय कर रहे हैं। वर्तमान में सड़क चौड़ीकरण अभियान के तहत कई भवनों पर अधिग्रहण और ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है।