दिल्ली, भदैनी मिरर। महाकुंभ भगदड़ (Mahakumbh Stampede) को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को दिल्ली में बयान दिया. कहा कि “घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी और सरकार ने जिस तरह के इंतजाम किए थे, वे उस प्रचार के अनुरूप नहीं थे. सरकार के इंतजाम ठीक होते तो यह घटना नहीं होती. अखिलेश ने कहा कि सरकार के माध्यम से अधिकारियों के लिए और खासकर जो सुरक्षा में लगे हैं उनके लिए यह बताया गया कि मैनेजमेंट की स्टडी भी होगी और उसके बाद यह घटना होना दुर्भाग्यपूर्ण है.



25 लाख कम है
अखिलेश यादव ने राज्य सरकार की ओर से मृतक परिजनों के लिए 25 लाख रुपए मुआवजे के ऐलान को कम बताया, कहा और मदद करनी चाहिए. साथ ही साथ उन सब की सूची जारी करनी चाहिए जिन श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है या जो लापता हैं. क्योंकि आशंका बहुत है लोगों में कंफ्यूजन है तो वह आशंका तभी दूर होगी जब सरकार पूरी की पूरी सूची जारी करेगी.

जिन्हें निमंत्रण मिला वह शिकार नहीं हुए

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कुंभ का न्यौता बांट रही थी. अब तक कुंभ का कार्ड किसी ने नहीं बांटा. पौराणिक परंपराओं को देख लें तो कुंभ का न्यौता नहीं बांटा गया था, कुंभ से जनता अपनी आस्था और भावनाओं से जुड़ती रही है. सिर्फ यह बात कह देना कि वीआईपी की वजह से इतनी बढ़ाने की घटना हुई है यह दुर्भाग्यपूर्ण है इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि सरकार खुद न्यौता दे रही थी. जो हादसे के शिकार हुए वह श्रद्धालु थे, वह खुद कुंभ में स्नान करने गए थे, उन्हें किसी प्रकार का न्यौता नहीं मिला था. भाजपा इससे पीछे नहीं हट सकती. दिल्ली और यूपी सरकार दोनों जिम्मेदार हैं.



पीड़ितों से मिलने नहीं जाऊंगा
अखिलेश ने कहा कि मैं पीड़ितों से मिलने नहीं जाऊंगा. यदि जाऊंगा तो भाजपा के लोग राजनीतिकरण का आरोप लगाएंगे. हम राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन 10 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए और फिर डबल इंजन की सरकार का दावा किया गया और हादसा सवाल खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को बताना चाहिए कि उन्होंने कितना सहयोग किया है.

