Home वाराणसी वाराणसी में रेहड़ी पटरी वालों को हटाने पर अखिलेश यादव ने मोदी सरकार को घेरा, कहा- बनारसी-गुजराती कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा…

वाराणसी में रेहड़ी पटरी वालों को हटाने पर अखिलेश यादव ने मोदी सरकार को घेरा, कहा- बनारसी-गुजराती कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा…

by Ankita Yadav
0 comments

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रेहड़ी-पटरी पर अपनी आजीविका चलाने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस मुद्दे को लकेर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा सरकार के तहत मेहनतकश लोगों का उत्पीड़न बढ़ गया है। ऐसे लोग, जो ईमानदारी से मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं, उन्हें हटाया जा रहा है।

अखिलेश यादव ने एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांव की निवासी हैं और सड़क किनारे छोटे-मोटे काम करके अपने बच्चों का पालन-पोषण करती थीं। लेकिन प्रशासन ने उनकी जगहों को हटा दिया। महिलाओं ने सवाल उठाया कि अब वे अपने बच्चों के साथ कहां जाएं और कैसे गुजारा करें?

अखिलेश ने लिखा…

अखिलेश यादव ने इसे लेकर एक्स पर लिखा- “भाजपाइयों को ईमान की रोटी नहीं पचती. भाजपा सरकार में जिनका भी उत्पीड़न हो रहा है, उसके पीछे बात ये नहीं है कि वो कहाँ का है, वो जो कोई भी ही, अगर वो मेहनत करके ईमानदारी से दो जून की रोटी कमा रहा है, मजबूर है, बेबस है या वंचित समाज का है तो वो भ्रष्ट भाजपा सरकार के शोषण-उत्पीड़न का शिकार होगा ही।

उन्होंने आगे कहा, भाजपा द्वारा गरीबों के विरोध की असली वजह सबको समझनी चाहिए, जो बहुत गहरी है, जिसकी जड़ में मनोविज्ञान है। भाजपाइयों को लगता है कि ‘ईमान की रोटी कमानेवाले’ सैद्धांतिक रूप से भाजपाइयों की पैसे की उस भूख के खिलाफ हैं, जो बेईमानी से ही पैसा कमाना जानती है. भाजपाइयों को लगता है, ईमानदारी से पैसा कमानेवाले, उनकी बेईमानी की सोच के साक्षात् विरोधी हैं, इसीलिए ऐसे ईमानदार लोगों को आम जनता की आँख के सामने से हटा देना चाहिए।

अखिलेश ने कहा, कहा जाता है, जब कुछ दिखना बंद हो जाता है, तो लोग उसके बारे में सोचना भी बंद कर देते हैं, इसीलिए भाजपा ग़रीबों-मेहनतकशों को हटा रही है. देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र में तीन पीढ़ियों से पटरी लगाकर अपना पेट भरनेवाले गुजराती समाज के लोगों की आवाज़ सुनी जाए और उनके रोज़गार को हर हाल में बचाया जाए। बनारसी-गुजराती कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

Social Share
Ad Image
Ad Image
Ad Image
Ad Image
Ad Image
Ad Image
Ad Image
Ad Image

You may also like

Leave a Comment