वाराणसी, भदैनी मिरर। डीजीपी से लगायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक आमजन से कुशल व्यवहार करने का निर्देश देते हो मगर उनके आदेश को वाराणसी के अतिमहत्त्वपूर्ण स्थान पर तैनात एडिशनल डीसीपी वीरेंद्र कुमार पर यह आदेश लागू नहीं होता. भीड़ प्रबंधन कर पाने में नाकाम होने पर एडिशनल डीसीपी सुरक्षा वीरेंद्र कुमार ने काशी के वरिष्ठ पत्रकारों पर ही खीज उतार दी. उन्होंने इंडिया न्यूज के रिपोर्टर पंकज चतुर्वेदी और दैनिक भाष्कर डिजिटल के हिमांशु अस्थाना के साथ ढुंढिराज गणेश मंदिर के पास न केवल मोबाइल, माइक, आईडी छीना बल्कि हाथ तक लगाने की बातें सामने आ रही है. यह वीडियो साफ कर रहा है कि किस तरह रंगभरी एकादशी पर श्रद्धालुओं के साथ बत्तमीजी की जा रही है.
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कमिश्नरेट और प्रशासन के आला अफसरों द्वारा बार-बार यह हिदायत कि सुरक्षा व्यवस्था की आड़ में या भीड़ का दबाव बढ़ने पर किसी के साथ भी दुर्व्यवहार की शिकायत न आए बाबजूद इसके पीपीएस स्तर के अफसर मानने को तैयार नहीं है. मजेदार बात तो यह है कि विश्वविख्यात रंगभरी एकादशी यानी बुधवार के ठीक एक दिन पहले आला अफसरों द्वारा हिदायत दी गई थी. घटना से आक्रोशित पत्रकारों ने तत्काल पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे. खुद पुलिस आयुक्त ने भी इसे गलत बताते हुए कार्रवाई के साथ शासन को पत्र लिखे जाने की बात कही है. इस पूरे मामले में डीसीपी ज्ञानवापी को जांच के निर्देश दिए हैं. खुद पत्रकार पंकज चतुर्वेदी ने पूरी घटना बताई है…
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