Home वाराणसी तीसरी आंख से रखी जा रही नजर : CHC-PHC पर लगाये गये सीसीटीवी कैमरे, सीएमओ आफिस कंट्रोल रूम से की जा रही निगरानी

तीसरी आंख से रखी जा रही नजर : CHC-PHC पर लगाये गये सीसीटीवी कैमरे, सीएमओ आफिस कंट्रोल रूम से की जा रही निगरानी

by Ankita Yadav
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वाराणसी। चिकित्सीय सेवाओं में पारदर्शिता और सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार नए प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिससे जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की निगरानी की जा रही है।

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सीसीटीवी कैमरों से निगरानी

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सीएचसी, पीएचसी और अस्पताल परिसरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिन्हें सीएमओ कार्यालय के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि इस पहल के तहत जिले के 29 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 5 शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 9 ग्रामीण सामुदायिक केंद्र और 5 ब्लॉक सामुदायिक केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

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कैमरों से इन सेवाओं पर रखी जा रही नजर

  • रजिस्ट्रेशन काउंटर
  • ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग)
  • वार्ड एवं एमएनसीयू (माँ और नवजात देखभाल इकाई)
  • पैथोलॉजी लैब
  • दवा वितरण काउंटर

अस्पताल का प्रवेश द्वार और परिसर

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इस निगरानी व्यवस्था के तहत डॉक्टरों और कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, ओपीडी और वार्डों में भर्ती मरीजों की देखभाल पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।

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आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी निगरानी के दायरे में

स्वास्थ्य उपकेंद्रों यानी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में भी प्रत्येक केंद्र पर 4-4 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनकी निगरानी ब्लॉक मुख्यालय स्थित पीएचसी और सीएचसी से की जा रही है। इस कार्य की जिम्मेदारी ब्लॉक स्तर पर कार्यरत सहायक शोध अधिकारियों को सौंपी गई है।

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24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम, तत्काल कार्रवाई के निर्देश

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बने कंट्रोल रूम को 24×7 संचालित किया जा रहा है। यहां अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, शोध अधिकारियों और अन्य कर्मियों की तैनाती की गई है।

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सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि वह स्वयं कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर रहे हैं। अगर किसी सीएचसी या पीएचसी में कोई अनियमितता कैमरे में दिखती है, तो चिकित्सा अधीक्षकों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए जाते हैं।

कंट्रोल रूम की मानीटरिंग में डॉ. ए.के. मौर्या, डॉ. राजेश प्रसाद, डॉ. एस.एस. कनौजिया, शोध अधिकारी एस.पी. शुक्ला, अरुण श्रीवास्तव समेत अन्य कर्मी शामिल हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में बड़ा कदम

स्वास्थ्य विभाग की इस पहल से अस्पतालों में पारदर्शिता बढ़ेगी, मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यशैली पर नजर रखी जा सकेगी। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और जनता को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

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