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इन्वेस्टमेंट कराकर ठगी करने वाले सरगना सहित 7 बदमाश गिरफ्तार, इंदौर से वाराणसी पुलिस ने किया अरेस्ट, तरीका जानकर रह जाएंगे हैरान

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इन्वेस्टमेंट कराकर ठगी करने वाले सरगना सहित 7 बदमाश गिरफ्तार, इंदौर से वाराणसी पुलिस ने किया अरेस्ट, तरीका जानकर रह जाएंगे हैरान
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वाराणसी, भदैनी मिरर। नामचीन ब्रांड के वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर पार्ट टाइम जॉब के नाम पर अच्छी खासी रकम कमाने का प्रलोभन देकर जनता से ठगी करने वाले गैंग का वाराणसी के साइबर थाने की पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने सरगना सहित कुल 7 बदमाशों को इंदौर (एमपी) से अरेस्ट किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्र में फर्जी मुहर , फिंगरप्रिंट स्कैनर, एटीएम किट, सिम बरामद किया है. घटना का खुलासा डीसीपी क्राइम चंद्रकांत मीणा और एडीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किया. साइबर थाने की पुलिस के साथ सर्विलांस सेल ने भी अहम भूमिका निभाई है. डीसीपी ने खुलासा करने वाली टीम को ₹25 हजार नगद इनाम की घोषणा की है.

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39 लाख से ज्यादा की कर दी ठगी

डीसीपी क्राइम चंद्रकांत मीणा ने मीडिया को बताया कि सभी आरोपी मध्य प्रदेश के है. जिसमें छह गुना जिले के है जबकि एक आरोपी अशोकनगर का है. गिरफ्तार आरोपियों में जितेन्द्र अहीरवार निवासी कडिया ( राघोगढ), कमलेश किरार निवासी वार्ड नम्बर 18 भार्गव कालोनी थाना कोतवाली नगर, रामलखन मीना निवासी आनन्दपुर मवैया (राघोगढ), संजय मीना निवासी आनन्दपुर मवैया (राधोगढ), अमोल सिंह निवासी मोहम्मदपुर (मृगवास), सोनू शर्मा निवासी महखान (कैंट), निक्की जाट निवासी जोलन (ईषागढ) शामिल है. बताया कि इन आरोपियों ने अस्सी घाट (भेलूपुर) वाराणसी की रहने वाली संभावना त्रिपाठी से ₹ 39 लाख 15 हजार 816 रुपए साइबर ठगी किए थे. आरोपियों ने महिला से कार बुकिंग का टास्क पूरा करने के नाम पर विभिन्न टेलीग्राम ग्रुपों तथा वेबसाइट के माध्यम से अपने झांसे में लिया था. डीसीपी ने बताया कि एफआईआर होते ही पैसे को होल्ड करवा दिया गया था. अब तक पीड़िता को ₹2 लाख मिल चुके है. बताया कि इस गैंग का मास्टरमाइंड जितेन्द्र अहीरवार और कमलेश किरार है. बताया कि इस गैंग को पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी. कहा कि आपराधिक इतिहास संकलित कर इनके विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई होगी.

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विदेश के आईपी एड्रेस से करते है खेल

डीसीपी क्राइम चंद्रकांत मीणा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ब्रांडेड कम्पनियों के ओरिजिनल वेबसाइट से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते है. उसके बाद बल्क SMS फीचर का प्रयोग करते हुए एक साथ हजारों लोगो को पार्ट टाइम जॉब इन्वेस्टमेंट आदि मे अच्छा लाभ कमाने का प्रलोभन देते है. जब कोई व्यक्ति इनके झांसे में आता है तो यह उसको छोटी-छोटी धनराशि उसके खातों मे क्रेडिट कर बड़ा धन कमाने का लालच दे देते है. इसके बाद यह लोग लोगो को इनके बनाए गए वेबसाइट तथा टेलीग्राम ग्रुप मे जोडते है जहा पर इनके ही सिंडिकेट के द्वारा बड़ी धनराशि का स्क्रीनशॉट भेजा जाता है, जिससे लोग लालच में आकर इनके झांसे में आ जाते है और बाद में इनके द्वारा इन्वेस्टमेंट से सम्बन्धित तमाम प्लान बताते हुए तथाकथित कम्पनी के बैंक खातों में पैसे डलवा लिए जाते है.
यह पैसा उस कम्पनी के फर्जी वेबसाइट पर यूजर के अकाउंट में दिखता है तथा इनवेस्टमेंट का लाभ भी दुगुना तिगुना दिखता है, जिससे लोग और भी विश्वास में आकर बड़ी रकम इन्वेस्ट करते जाते है, बाद में जब लोग अपना पैसा निकालना चाहते है तो पैसा निकलता ही नहीं है क्योंकि यह पैसा साइबर अपराधियों द्वारा लोगो का अपने झांसे मे लेने के लिए फ्लैश अमाउंट दिखाया जाता है जोकि वास्तव में होता ही नहीं है. यह सब काम साइबर अपराधियों द्वारा वर्चुअल मशीन के माध्यम से विदेशो के आईपी एड्रेस जैसे चाइना, सिंगापुर, थाईलैण्ड, कम्बोडिया व दुबई द्वारा किया जाता है जिससे इनकी पहचान छुपी रहे और पुलिस की पहुंच से दूर रहे.

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