वाराणसी,भदैनी मिरर। भदैनी निवासी कारोबारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेद्र, सुकेंद्र व गौरांगी की हत्या के करीब 55 घंटे बाद एक साथ हरिश्चंद घाट पर चिताएं सजी. पुलिस हिरासत में रहे छोटे भतीजे जुगनू ने मुखाग्नि दी. इस दौरान घाट पर पुलिस का पहरा था. पोस्टमार्टम होने के बाद शव करीब साढ़े तीन बजे एम्बुलेंस और मैजिक से घाट पर पहुंचा. पहले से ही अंतिम संस्कार का पूरा प्रबंध इंस्पेक्टर भेलूपुर विजय शुक्ला ने किया.
हरिश्चंद घाट पर एक साथ शव पहुंचने पर कोई कंधा देने वाला नहीं था. सामाजिक रस्म पूरी करने के लिए राजेंद्र प्रसाद गुप्ता के फुफेरे और ममेरे भाई तो पहुंचे, लेकिन वह शव से बनाए रखे. अंत में एंबुलेंस और मैजिक से पुलिसकर्मी शव उठाकर चिता पर रखे. इस दौरान पुलिसकर्मी भी भावुक हो गए. घाट पर पहुंची कारोबारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता की मां शारदा देवी भतीजा जुगनू से बात तक नहीं की. मां शारदा देवी का रो-रोकर बुरा हाल था. जैसे ही आसपास के लोगों को भदैनी हत्याकांड में शव आने की सूचना मिली लोग आरोपी के बारे में जानने की कोशिश में जुट गए.
कारोबारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता के चार-चार मकान से लाखों रुपए किरायेदारी आती है. परिवार में पैसे की कोई कमी नहीं. हत्याकांड में पूरा परिवार ही समाप्त हो गया. अंत समय जब दाह संस्कार की बात आई तो पैसे खर्च करने वाला कोई नहीं था. अंतिम संस्कार के समान तक के लिए रिश्तेदारों और किरायेदारों ने अपने पास से पैसे दिए. सभी के जुबान पर एक कसक थी… आखिर एक साथ पूरा परिवार समाप्त हो गया. राजेंद्र का अब कोई वारिस नहीं बचा. इतना धन-दौलत किस काम का जिसका उपभोग करने वाला ही न हो. पारिवारिक शांति पर दौलत भारी पड़ गई.
हरिश्चंद्र घाट पर परिवार के पांच लोगों का एक साथ शव पहुंचा तो सभी दंग रह गए. भदैनी निवासी कारोबारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेद्र, सुकेंद्र व गौरांगी की चिताएं हरिश्चंद्र घाट पर दो- दो मीटर की दूरी पर सजाई गई. घाट पर परिजनों से ज्यादा पुलिस के जवान थे. अंतिम संस्कार में पुलिसकर्मियों ने ही मदद की. अंतिम संस्कार करने वाले डोम परिवार का राजा बोला पहली बार एक साथ पांच चिताएं सजाया हूं. मैं खुद दंग हूं, अब तक अधिकतम तीन चिताएं सजाया था.
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के निर्देश पर पुलिस की कुल पांच टीमें इस घटना के अनावरण में जुटी है. मृतक कारोबारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता की मां शारदा देवी के बयान पर पुलिस तफ्तीश को आगे बढ़ा रही है. सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज खंगालने में कई अन्य टीमें लगाई गई है. पुलिस सूत्रों की माने तो बाहर भेजी गई टीमों के हाथ अब तक खाली है. विक्की का तीनों मोबाइल स्विच ऑफ है. ऐसे में विक्की तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती है.
भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेद्र, सुकेंद्र व गौरांगी की हत्या के बाद परिवार का बड़ा भतीजा विशाल उर्फ विक्को लापता है. उसके सभी मोवाइल फोन चंद हैं। वह किसी के संपर्क में भी नहीं है. ऐसे में पुलिस का शक विक्की पर गहरा गया है. उसकी सरगमी से तलाश की जा रही है. पुलिस को उम्मीद है कि विक्की के पकड़े जाते ही एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की गुत्थी सुलझ जाएगी.
यहीं, मृत राजेंद्र की मां बुजुर्ग शारदा देवी ने पुलिस को बुधवार को बताया कि उसके मूह छोटे बेटे कृष्णा का बड़ा बेटा विक्की अक्सर राजेंद्र से विवाद करता था. वह कहत था कि उसे उसका हिस्सा सही ढंग से नहीं मिला तो वह पूरे परिवार को मार डालेगा. चिक्की दीपावली के दिन ही राजेंद्र की हत्या करने की चात कह रहा था.