
वाराणसी/भदैनी मिरर। धन-धान्य की देवी माँ अन्नपूर्णा का 17 दिवसीय व्रतानुष्ठान 5 दिसम्बर से प्रारम्भ हो रहा है। 5 दिसम्बर से 20 दिसम्बर तक चलने वाले इस व्रत की मान्यता है कि देवी अन्नपूर्णा का यह व्रत करने वाले श्रद्धालु को कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।
यह व्रत 17 वर्ष, 17 महीने या 17 दिनों तक करने का विधान है। इस व्रत को महिलाएं और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। इसमें 17 गांठ वाला धागा धारण करने का विशेष महत्व है। धागे को पहनते ही एक ही समय फलाहार बिना नमक के खाते हैं।
अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वरपुरी ने व्रत का उद्यापन 20 दिसम्बर को होगा। उसी दिन मां अन्नपूर्णा का दरबार भी धान की बालियों से सजाया जाएगा। सिर्फ काशी ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों से धान की बालियां मां के श्रृंगार के लिए भेजी जाती हैं। इन बालियों का प्रसाद स्वरूप वितरण 21 दिसम्बर को किया जाएगा।