
वाराणसी/भदैनी मिरर। रविन्द्रपुरी स्थित बाबा कीनाराम आश्रम व शिवाला स्थित क्रीं कुण्ड में अघोरपीठ अघोराचार्य बाबा कीनाराम अघोर शोध एवं सेवा संस्थान के पीठाधीश्वर, सर्वेश्वरी समूह एवं अघोर सेवा मंडल के अध्यक्ष बाबा सिद्धार्थ गौतम राम के सानिध्य में अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम का निर्वाण दिवस मनाया गया। इस दौरान कीनाराम स्थल में सीमित संख्या में सम्मिलित भक्तों ने दो गज की दूरी रखते हुए कतारबद्ध होकर समाधियों का दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर बाबा सिद्धार्थ गौतम राम ने अवधूत भगवान राम की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा अपने जीवन के अंतिम क्षणों में अघोरेश्वर भगवान राम ने कहा था कि मैं अघोरेश्वर स्वरूप ही स्वतंत्र, सर्वत्र, सर्वकाल में स्वच्छंद रमण करता हूं। मैं अघोरेश्वर ही सूर्य की किरणों, चंद्रमा की रश्मियों, वायु के कणों और जल की हर बूंदों में व्याप्त हूं। ..साकार भी हूं, निराकार भी हूं। आप जिस रूप में मुझे अपनी श्रद्धा सहेली को साथ लेकर ढूंठेंगे मैं उसी रूप में आपको मिलूंगा। यह पृथ्वी किसी वर्ग या जाति -विशेष की नहीं है। यह किसी व्यक्ति या धर्म – विशेष की नहीं है।यह पृथ्वी शासक की नहीं है।यह मनुष्य जाति के लिए है। इस पर हर प्राणियों के।जीवित रहने का अधिकार है।
उनका कहना था कि पत्थरों, ईंटो से निर्मित देवालयों में यदि विश्वास चिपका तो सर्वनाश है। 29 नवम्बर 1992 को उन्होंने अमेरिका के कैलिफोर्निया में पद्मासन में शरीर छोड़ा। भक्तों के दर्शन के लिए उनका शरीर उसी अवस्था में वाराणसी लाया गया था। इस दिन उनका परिनिर्वाण दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। कार्यक्रम में संस्थान के व्यवस्थापक श्री अरुण सिंह तथा सदस्यों में गुंजन, नाना, वीरेंद्र, हिमांशु, नवीन, गोलू, अंशू, सर्वेश, जसवंत, गोवर्धन, मिंटू,फागू एवं अभिषेक ने सराहनीय योगदान दिया ।