वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी कमिश्नरेट के चर्चित दरोगा प्रकाश सिंह को गंभीर मुकदमों में फंसाने की धमकी देकर पैसों की मांग करने वाली महिला पर कोर्ट ने प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर विवेचना करने का आदेश प्रभारी निरीक्षक कैंट को दिया है. दरोगा प्रकाश सिंह ने अपने अधिवक्ता दिनेश दीक्षित के माध्यम से कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई थी.
अधिवक्ता दिनेश दीक्षित ने बताया कि दरोगा प्रकाश सिंह की शादी वर्ष 2024 में हुई है. प्रकाश सिंह विपक्षी साक्षी बजाज के जीजा है. प्रकाश सिंह के साले सृजन सिंह की उसकी पत्नी साक्षी के बीच विवाद चल रहा है. ससुराल वालों ने साक्षी पर भेलूपुर थाने में मारपीट और लुट का मुकदमा दर्ज करवाया है. जिससे क्षुब्ध होकर साक्षी बजाज ने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को मनगढ़ंत आधार पर प्रार्थनापत्र दिया और दरोगा प्रकाश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए. पुलिस कमिश्नर ने तत्काल एसआईटी का गठन किया और एसआईटी ने जांचों में दरोगा प्रकाश सिंह पर लगे आरोप को बेबुनियाद पाए गए और साक्षी बजाज के ससुराल पक्ष के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति की जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया.
तैनाती स्थल जाकर धमकी देने का आरोप
अधिवक्ता के माध्यम से दरोगा प्रकाश सिंह ने कोर्ट से बताया कि विपक्षी साक्षी बजाज उसके तैनाती स्थल कमिश्नरेट कार्यालय वाराणसी पहुंची और धमकाते हुए बोली कि यदि तुम मुकदमें से निकलना चाहते हो तो हमें बीस लाख रुपए दें दो नहीं तो मजिस्ट्रेट के सामने जब मेरा बयान होगा तो तुम्हारे उपर गंभीर आरोप लगाऊंगी और जेल भेजवा कर ही दम लुंगी. प्रकाश सिंह ने जब साक्षी बजाज से कहा तुम गलत कर रही हो तो साक्षी बजाज ने बोला तुम यह समझो यह रंगदारी हैं. इस पर प्रकाश सिंह ने अपने उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत कराया तो अधिकारियों ने स्पष्ट जवाब दें दिया कि विभाग स्तर से हम तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकते.
जिसके बाद प्रकाश सिंह ने पुलिस कमिश्नर को लिखित प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्यवाही पुलिस ने नहीं की तब प्रकाश सिंह ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर मुकदमा दर्ज कर विवेचना कराने का अनुरोध किया. अधिवक्ता दिनेश कुमार दीक्षित ने न्यायालय के समक्ष बहस प्रस्तुत की न्यायालय ने बहस को सुनने के उपरांत पत्रावली का अवलोकन किया और साक्षी बजाज पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया.