
वाराणसी में युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन संपन्न, नशा मुक्त भारत के लिए 5 साल का रोडमैप निर्धारित




वाराणसी, भदैनी मिरर। विकासशील भारत के लिए नशा मुक्त युवा विषय पर आयोजित युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन का समापन वाराणसी के रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में हुआ। इस मौके पर ‘काशी घोषणापत्र’ को औपचारिक रूप से स्वीकार करते हुए युवाओं के नेतृत्व में नशा मुक्ति आंदोलन का पांच वर्षीय रोडमैप घोषित किया गया।


सम्मेलन में देशभर के 600 से अधिक युवा प्रतिनिधि और 120 से अधिक आध्यात्मिक, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का उद्देश्य था- भारत को 2047 तक नशा मुक्त समाज के रूप में स्थापित करना।
‘काशी घोषणापत्र’ बना युवाओं की प्रतिबद्धता का प्रतीक
शिखर सम्मेलन में चार मुख्य सत्रों के माध्यम से मादक द्रव्यों की लत के मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, तस्करी, जागरूकता और पुनर्वास जैसे पहलुओं पर चर्चा की गई। इसी चिंतन के आधार पर ‘काशी घोषणापत्र’ तैयार किया गया, जो युवाओं की नैतिक प्रतिबद्धता और भारत की आध्यात्मिक चेतना का सम्मिलन है।


घोषणापत्र में राष्ट्रीय समिति के गठन, वार्षिक प्रगति रिपोर्टिंग, पुनर्वास केंद्रों से जोड़ने हेतु राष्ट्रीय मंच और बहु-मंत्रालयी समन्वय की व्यवस्था का प्रस्ताव रखा गया।
डॉ. मांडविया का संदेश
केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अपने संबोधन में कहा, “काशी घोषणापत्र केवल एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि भारत की युवा शक्ति के साझा संकल्प का प्रतीक है। भारत की आध्यात्मिक शक्ति ने हर युग में राष्ट्र को राह दिखाई है। अब यह शक्ति भारत को नशा मुक्त बनाने की दिशा में नेतृत्व देगी।”

सांस्कृतिक और नैतिक चेतना का केंद्र बनी काशी
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने आयोजन की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा, “काशी की पावन भूमि सनातन चेतना का उद्गम है। आज हम यहां केवल चर्चा नहीं कर रहे, बल्कि ऐसा बीज बो रहे हैं जो राष्ट्रीय बदलाव का वटवृक्ष बनेगा।”
उन्होंने युवाओं को चेताते हुए कहा “जिस देश की 65% आबादी युवा है, यदि वह नशे के जाल में फंस जाए, तो विकास का सपना अधूरा रह जाएगा।”
सम्मेलन के समापन और आरंभिक सत्रों में उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद, युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खड़से, खेल मंत्री, उत्तर प्रदेश गिरीश चंद्र यादव समेत अन्य आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री कई केंद्रीय और राज्य स्तरीय मंत्री उपस्थित थे।
रक्षा खड़से ने स्कूली बच्चों को निशाना बना रहे डिजिटल ड्रग नेटवर्क के प्रति चेताया और सरकार की "शून्य सहिष्णुता नीति" की जानकारी दी।
‘माय भारत’ के जरिए होगा अभियान का क्रियान्वयन
‘माय भारत’ योजना के तहत देशभर में युवा क्लब, स्वयंसेवक प्रतिज्ञा अभियान, जागरूकता कार्यक्रम और सामुदायिक गतिविधियों का संचालन करेंगे। काशी घोषणापत्र अब एक मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में कार्य करेगा और 2026 में आयोजित विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग में इसकी प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

