काशी में उतरा स्वर्ग, आस्था की दीपमाला ने मन मोह लिया

देव दीपावली की रात काशी वाकई स्वर्ग सी लग रही थी। गंगा की लहरों में झिलमिलाते दीप, आसमान में रंगीन आतिशबाज़ी और हर तरफ ‘हर हर महादेव’ के जयघोष — इस दृश्य को जिसने देखा, उसके हृदय में काशी की भव्यता बस गई।

काशी की देव दीपावली, घाटों पर उमड़ा जनसागर

देव दीपावली के पावन पर्व पर काशी एक बार फिर दिव्यता की अद्भुत मिसाल बनी। अर्धचंद्राकार गंगा घाटों पर लाखों दीपों की रौशनी ने मानो धरती पर स्वर्ग उतार दिया। बुधवार की शाम हर घाट, हर गली और हर मंदिर आस्था की रोशनी में डूब गया। गंगा किनारे का विहंगम दृश्य देख हर कोई मंत्रमुग्ध था।

25 लाख दीपों से झिलमिलाए घाट, श्रद्धा और भक्ति का संगम

इस बार देव दीपावली पर काशी के घाटों पर करीब 25 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए गए। इसमें एक लाख गोबर से बने पर्यावरण अनुकूल दीप भी शामिल रहे। घाटों की सीढ़ियों से लेकर गंगा पार रेत तक दीपों की झिलमिलाहट ने शहर को सुनहरी माला की तरह सजा दिया।

मुख्यमंत्री योगी ने नमो घाट पर किया पहला दीप प्रज्वलित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमो घाट पर पहला दीप जलाकर देव दीपावली की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने मां गंगा की आरती की और जनता का अभिवादन किया। घाटों पर मौजूद लाखों श्रद्धालुओं ने ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से वातावरण गूंजा दिया।

‘काशी-कथा’ थ्रीडी शो बना आकर्षण का केंद्र

चेत सिंह घाट पर ‘काशी-कथा’ नामक 3D प्रोजेक्शन शो ने परंपरा और आधुनिकता का संगम दिखाया। 25 मिनट लंबे इस शो में शिव-पार्वती विवाह, बुद्ध के उपदेश, कबीर–तुलसी की भक्ति परंपरा और महामना मालवीय की यात्रा को जीवंत रूप में दिखाया गया।

‘ग्रीन क्रैकर्स शो’ से जगमगाया गंगा पार का आकाश

गंगा पार रेत पर ‘कोरियोग्राफ और सिंक्रोनाइज ग्रीन क्रैकर्स शो’ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीत की ताल पर रंगीन रोशनी और आतिशबाज़ी का प्रतिबिंब जब गंगा की लहरों पर पड़ा, तो दृश्य स्वर्गिक लगने लगा।

दशाश्वमेध घाट की महाआरती में बिखरी भक्ति की रौनक

दशाश्वमेध घाट पर 21 अर्चक और 42 देव कन्याओं द्वारा संपन्न महाआरती ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। 51 हजार दीपों और 21 कुंतल फूलों से सजे घाट पर शंखनाद, घंटा और घड़ियालों की ध्वनि ने पूरे क्षेत्र को ऊर्जा से भर दिया।

भगीरथ शौर्य सम्मान से निहाले हुए घाट

देव दीपावली के अवसर पर वीर शहीदों को याद करते हुए ‘भगीरथ शौर्य सम्मान’ प्रदान किया गया। यह श्रद्धांजलि घाटों की पवित्रता और राष्ट्रीय गौरव दोनों का प्रतीक बनी।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में हुआ विशेष पूजन

बाबा विश्वनाथ के दरबार में विशेष पूजन-अर्चना हुई। मंदिर परिसर को फूलों, झालरों और दीपों से सजाया गया। धाम के हर कोने में दिव्यता और भक्ति की अनुभूति हो रही थी।

सुरक्षा चाक-चौबंद, काशी बनी नो-फ्लाई ज़ोन

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और वीवीआईपी उपस्थिति को देखते हुए वाराणसी को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया। एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें पूरी मुस्तैदी से घाटों पर तैनात रहीं।

क्रूज़ से आरती दर्शन करते नजर आए विशिष्ट अतिथि

विशिष्ट अतिथियों ने गंगा क्रूज़ से देव दीपावली का विहंगम नज़ारा देखा। उन्होंने आरती में भाग लेकर मां गंगा से काशी की समृद्धि की कामना की।

हर गली और मंदिर में सजी रोशनी की माला

सिर्फ घाट ही नहीं, बल्कि काशी के हर मंदिर, तालाब और कुंड में दीपों की श्रृंखला ने शहर को सुनहरी माला की तरह सजा दिया। लोगों ने घरों की छतों और गलियों में दीप जलाकर आस्था का पर्व मनाया।

‘अमर जवान ज्योति’ की प्रतिकृति ने दिया देशभक्ति का संदेश

दशाश्वमेध घाट पर ‘अमर जवान ज्योति’ की अनुकृति स्थापित की गई। इस दृश्य ने धर्म के साथ-साथ राष्ट्रीयता का संदेश दिया और कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

ऑपरेशन सिंदूर के नाम समर्पित देव दीपावली

इस बार का देव दीपावली महोत्सव ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित किया गया। इसका उद्देश्य देश की वीर माताओं को नमन करना और उनके त्याग का सम्मान करना था।

गाय के गोबर से बने पर्यावरण अनुकूल दीपों की मिसाल

लगभग 1 लाख दीप गाय के गोबर से बनाए गए थे। इन पर्यावरण अनुकूल दीपों ने न केवल काशी को जगमगाया, बल्कि प्रकृति संरक्षण का भी संदेश दिया।