वाराणसी,भदैनी मिरर। गुप्त नवरात्रि के अवसर पर माँ अष्टभुजी सेवा समिति शिवपुर की ओर से नव दिवसीय शतचंडी महायज्ञ और शिव महापुराण का आयोजन अष्टभुजी माता के प्रांगण में होगा. यह जानकारी संस्था के अध्यक्ष मुरारी लाल गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस करके दी. बताया कि यह आयोजन 30 जनवरी से 7 फरवरी 2025 तक होगा.


संस्था के अध्यक्ष मुरारी लाल गुप्ता ने बताया कि विद्वान यज्ञाचार्य पंडित हरिकेश पांडेय के सानिध्य में ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी महायज्ञ प्रातः से दोपहर 2 तक आयोजित होगा. कथा का शुभारंभ 30 जनवरी की दोपहर 12 बजे से भव्य कलश यात्रा के साथ शुरु होगी. कलश यात्रा मां अष्टभुजी मंदिर प्रांगण से प्रारंभ होकर शिवपुर रेलवे क्रासिंग से पंचकोशी मार्ग होते हुए थाना शिवपुर बाजार होते हुए, गिलट बाजार तक जाएगी. वहां से पंचकोशी मार्ग से लालजी कुआ होते हुए मां अष्टभुजी मंदिर के प्रांगण में समापन होगा.

बाल व्यास सुनाएंगे कथा

संस्था के मंत्री सुरेश चौरसिया ने बताया कि शिव महापुराण कथा दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक होगी. कलश यात्रा के बाद कथा प्रारंभ होगी. व्यास पीठ से उत्तरकाशी (उत्तराखंड) से पधारे बाल व्यास पंडित आयुष कृष्ण नयन जी महाराज कथा का श्रवण करवाएंगे. यज्ञ और कथा की पूर्णाहुति 7 फरवरी को होगी. 9 फरवरी को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है.



12 साल की उम्र में व्यास बन गए आयुष
उत्तरकाशी के कंडाऊ नौगांव निवासी आयुष कृष्ण नयन महज 12 साल में व्यास बन गए. खेलने कूदने की में आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित करने वाले आयुष को श्रीमद्भागवत के साथ ही वेद और पुराण की अच्छी जानकारी रखते है. खेलने कूदने की उम्र में कथा श्रवण करवाकर परमात्मा के मार्ग को बताने के कारण आयुष कृष्ण नयन अन्य कथावाचकों में अलग स्थान रखते है. कथावाचक आयुष का जन्म वर्ष 2005 में हुआ था. वह सामान्य परिवार में जन्म लिए. कक्षा 5 वीं तक पढाई करने के बाद उन्होंने वेद-पुराणों की शिक्षा लेने के लिए वृन्दावन की ओर रुख किया और अब वह हरिद्वार में राधा-कृष्ण कृपाधाम आश्रम है.


प्रेस कॉन्फ्रेंस में संस्था के अध्यक्ष और मंत्री के आलावा कोषाध्यक्ष श्याम सुंदर मोदनवाल, छेदीलाल सेठ, मनोज केसरी, जुगल किशोर सर्राफ, सुशील जायसवाल, राज किशोर मिश्र, संजय विश्वकर्मा, अरविंद जायसवाल एवं मंदिर के पुजारी महेंद्र व जग्गा, वरिष्ठ मीडिया प्रभारी आनंद तिवारी व रवि प्रकाश बाजपेई के अलावा संस्था के लोग उपस्थित रहे.
