मुख्तार के परिवार को ईद से पहले मिली खुशखबरी, विधायक अब्बास हुए जेल से रिहा
7 मार्च को सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत




दिल्ली,भदैनी मिरर। मुख्तार अंसारी के परिवार को ईद से पहले बड़ी खुशी मिल गई है. विधायक बेटा अब्बास अंसारी ढ़ाई साल से अधिक समय जेल में बिताने के बाद शुक्रवार को रिहा हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने 7 मार्च को कई शर्तों पर जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट का परवाना कासगंज पहुँचने में करीब 15 दिन का समय लग गया.

सुप्रीम कोर्ट ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से मऊ निर्वाचन से विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी गैंगस्टर में अंतरिम जमानत दी है. इसके साथ ही यूपी पुलिस ने जमानत शर्तों के अनुपालन में 6 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी से कहा है कि वह लखनऊ स्थित सरकारी आवास से न निकलने और मऊ अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने से पहले अदालत की अनुमति लेने को कहा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि अब्बास अंसारी यूपी नहीं छोड़ सकते.

चित्रकूट जिले के कर्वी में अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ 31 अगस्त 2024 को यूपी गैंगस्टर अधिनियम के तहत केस रजिस्टर्ड हुआ था. जिसके बाद पिछले साल 18 सितम्बर को हाईकोर्ट ने जमानत याचिका ख़ारिज कर दी थी. इन सभी पर वित्तीय एवं अन्य लाभ के लिए गिरोह बनाने का आरोप लगाया गया था.

कासगंज जेल से पहले अब्बास अंसारी चित्रकूट जेल में बंद थे. जहां पत्नी निकहत के साथ अवैध रूप से मुलाकात करते पकड़े जाने पर उन्हें कासगंज जेल ट्रांसफर किया गया. निकहत को भी अरेस्ट कर चित्रकूट जेल में रखा गया था. निकहत को भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ही रिहा किया गया था.
बता दें, अब्बास अंसारी पर सबसे बड़ा मामला हेट स्पीच का था. पिछले विधानसभा चुनाव के कुछ समय बाद ही 4 नवंबर 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया था. जिसके बाद उन पर गैंगस्टर लगा था.

