वाराणसी। उदय प्रताप कॉलेज राज्य के 35वें विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित होने के बेहद नजदीक पहुंच चुका है। करीब 20 दिन पहले राज्य सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में यह मांग की गई है कि इसे उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के तहत “उदय प्रताप विश्वविद्यालय” (यूपीयू) या “राजर्षि उदय प्रताप विश्वविद्यालय” (आरपीयू) के नाम से स्थापित किया जाए।
कॉलेज का एजेंडा और प्रमुख विशेषताएं प्रस्तुत की गईं
उदय प्रताप शिक्षा समिति ने प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव एमपी अग्रवाल को पांच पेज का एजेंडा और छह मुख्य विशेषताओं से संबंधित दस्तावेज भेजे हैं। इसके साथ ही, कॉलेज के इंटरनल क्वालिटी एसेसमेंट सेल द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव भी संलग्न किए गए हैं। अब सरकार के उत्तर का इंतजार किया जा रहा है।
राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने से आएंगे कई परिवर्तन
कई सालों से यह चर्चा थी कि इस कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल सकता है, लेकिन इस बार भेजे गए प्रस्ताव में इसे स्पष्ट रूप से राज्य विश्वविद्यालय के रूप में प्रस्तुत किया गया है। राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने पर यहां मेडिकल और लॉ कॉलेज खोले जाएंगे, साथ ही पेशेवर पाठ्यक्रमों की शुरुआत होगी। इसके अलावा, सीटों और पाठ्यक्रमों की संख्या में भी वृद्धि की जाएगी।
इतिहास में पहली बार राज्य विश्वविद्यालय बनने की ओर एक और कदम
2009 में वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ था, जबकि इसे 1974 में डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला था। अब उदय प्रताप कॉलेज राज्य विश्वविद्यालय बनने के बेहद करीब है, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव साबित होगा।