वाराणसी: दशाश्वमेध घाट पर रविवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तत्परता और बहादुरी ने एक जीवन बचा लिया। मुंबई से काशी दर्शन के लिए आए 26 वर्षीय युवक की गंगा नदी में स्नान के दौरान डूबने लगा, लेकिन एनडीआरएफ टीम की त्वरित कार्रवाई से उसे सुरक्षित बचा लिया गया।
कैसे हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन?
एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन की टीम गंगा घाटों पर नियमित जल गश्त कर रही थी, तभी यह हादसा हुआ। स्नान करते समय युवक अचानक गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। घाट पर तैनात एनडीआरएफ टीम ने तुरंत स्थिति को भांपते हुए कार्रवाई की।
बचाव दल के जवान सोनू राजक ने बिना देर किए नदी में छलांग लगा दी और अपनी कुशल तैराकी व सूझबूझ से युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। युवक को बिना किसी नुकसान के किनारे लाया गया, जहां उसे प्राथमिक चिकित्सा दी गई।
एनडीआरएफ की सतर्कता से बची जान
एनडीआरएफ उपमहानिरीक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में घाटों पर दिन-रात निगरानी की जाती है। बल की मुस्तैदी और तत्परता से घाटों पर किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
एनडीआरएफ का यह सराहनीय कार्य एक बार फिर यह साबित करता है कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। बल की प्रतिबद्धता और सेवा भावना को देखकर वाराणसी के स्थानीय लोग भी उनकी सराहना कर रहे हैं।
आपदा सेवा सदैव तत्पर” का जीवंत उदाहरण
आज की यह घटना एनडीआरएफ के आदर्श वाक्य, “आपदा सेवा सदैव तत्पर” को सही मायनों में दर्शाती है। एनडीआरएफ की त्वरित प्रतिक्रिया ने न केवल एक युवक की जान बचाई, बल्कि घाटों पर उनकी सुरक्षा व्यवस्था की अहमियत को भी दर्शाया।