वाराणसी,भदैनी मिरर। चर्चित भदैनी सामूहिक हत्याकांड में 34 वर्षीय आरोपी विशाल उर्फ विक्की और दिल्ली के आईटी कंपनी में काम करने वाले उसके छोटे भाई जुगनू को जेल भेज दिया है. वर्ष 1997 में विशाल के सामने ही उसके पिता कृष्णा लाल गुप्ता और माँ बबिता की गोली मारकर ताऊ राजेंद्र ने संपत्ति की लालच में हत्या कर दी. उस समय राजेंद्र द्वारा चलाई गई गोली जुगनू को भी लगी थी. राजेंद्र और उसके परिवार की हत्या के बाद विशाल एक भी सुबूत नहीं छोड़ना चाह रहा था. यही वजह थी कि विशाल उर्फ विक्की ने हत्या के पूर्व चारधाम की यात्रा पर गया और वहां से लौटा तो अपने सभी संपर्क को उसने तोड़ दिया. विक्की अपने भाई जुगनू और अपनी अहमदाबाद की गर्लफ्रेंड के संपर्क में रहता था, लेकिन वारदात के छह माह पहले ही उसने उससे भी संपर्क तोड़ दिया. विक्की को स्पा सेंटर जाना बहुत पसंद था, लेकिन वह वहां भी जाना बंद कर दिया. वह ऑनलाइन ही जमानत, सजा और विधि की जानकारी लेता रहा. इधर, दादी शारदा देवी के साथ घर पर रह रहा जुगनू अधिवक्ताओं से संपर्क कर सलाह लेता रहा.
वारदात को अंजाम देने के लिए विक्की की इतनी तैयारी थी कि उसने पुलिस को खूब छकाया. विक्की मोबाइल फोन और एटीएम इस्तेमाल करता ही नहीं था. वह होटल या लॉज कही रुकता ही नहीं था जिससे पुलिस को सुराग मिल सके. कमिश्नरेट पुलिस ने इसकी तलाश के लिए 336 घंटे की सीसीटीवी खंगाली. वारदात के पहले और उसके बाद का डिजिटल रुट चार्ट तैयार किया गया. मार्च 2022 से 6 नवंबर 2024 तक के विक्की और जुगनू के लोकेशन और कॉल डिटेल को पुलिस ने खंगाला. इस दौरान पुलिस ने करीब 5 लाख मोबाइल नम्बरों को खंगाला, लेकिन पुलिस के हाथ फिर भी खाली रही.
एडीसीपी सरवणन टी ने बताया कि विक्की की तलाश के लिए कई टीमें अलग-अलग एंगल से तलाश और दबिश दे रही थी. जुगनू और उसके परिजनों का अकाउंट खंगालने के बाद भी पुलिस को कुछ नहीं मिला. पुलिस के बुलाने पर जुगनू आसानी से चला आता था. पुलिस ने एक बार फिर सर्विलांस की मदद से जुगनू के फोन की मॉनिटरिंग शुरु की. अचानक पता चला कि जुगनू अपने फोन से इंस्टाग्राम और फेसबुक की कई फर्जी आईडी से चैटिंग कर रहा है. इस मुकदमें में यही पुलिस के लिए टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ.