वाराणसी। बीएचयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शोभना नार्लिकर की वित्तीय शक्तियां वापस ले ली गई हैं। हालांकि, वह अपने विभागाध्यक्ष पद पर बनी रहेंगी। वित्तीय फैसले लेने का अधिकार अब कला संकाय के डीन, प्रो. माया शंकर पांडेय को सौंपा गया है।
जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर फैसला
यह निर्णय इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। पिछले दो वर्षों से पत्रकारिता विभाग में चल रहे विवादों और शिकायतों की जांच कर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपी थी।
प्रशासनिक अधिकार भी स्थानांतरित
18 जनवरी को बीएचयू के कुलसचिव कार्यालय के एडमिनिस्ट्रेशन टीचिंग सेक्शन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रो. शोभना नार्लिकर से न केवल वित्तीय, बल्कि अन्य प्रशासनिक अधिकार भी छीन लिए गए हैं। इनमें विभागीय बैठकें आयोजित करना और परीक्षा प्रबंधन की जिम्मेदारी शामिल हैं। ये सभी अधिकार अब कला संकाय के डीन को सौंप दिए गए हैं।
पूर्व कुलपति द्वारा गठित कमेटी
पूर्व कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने विवादों की जांच के लिए इस कमेटी का गठन किया था। जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला लिया है।