डाक्टरों की लापरवाही : मृत घोषित व्यक्ति की घर पहुंचते चलने लगी सांसे, इशारों से की बात, पानी भी पिया
हिमांचल के टांडा मेडिकल कॉलेज में कराया गया था भर्ती, चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया था

परिवार के सदस्य को जिंदा देख खुश हुए लोग, रात नौ बजे हो गई मृत्यु
हिमाचल। हिमाचल प्रदेश के टांडा मेडिकल कॉलेज में शनिवार को चिकित्सकों की लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया जिसे देख और सुनकर लोग दंग रहे गये। इसके साथ ही चिकित्सा व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा हो गया है। यहां एक व्यक्ति को मृत घोषित करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। लेकिन घर पहुंचते ही मृत घोषित व्यक्ति की सांसे चलने लगीं और पलकें झपकने लगा। इस घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है। हालांकि करीब पांच घंटे के बाद उस व्यक्ति की मौत हो गई।



जानकारी के अनुसार पालमपुर नगर निगम के बिंद्राबन वार्ड के लोहरल निवासी मिलाप चंद (52) की तबियत खराब होने पर शुक्रवार को टांडा ले जाया गया। शनिवार की दोपहर लगभग एक बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवारवाले रोने-बिलखने लगे। अस्पताल प्रशासन ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। उनकी मौत से परिवार में मातम छा गया। रिश्तेदारों और परिचितों के मौत की सूचना दे दी गई। रविवार को अंतिम संस्कार की तैयारी थी। इधर, परिवार के लोग शव को लेकर शाक चार बजे घर पहुंचे। शव को जमीन पर लिटा दिया गया। तभी परिवारवालों ने देखा कि उनकी सांसे चल रही हैं। फिर आखें भी झपकाने लगे।

यह देख परिजन अचरज में पड़ गये। उन्हें विश्वास नही हुआ तो उन लोगों ने उन्हें पानी पिलाने की कोशिश की तो उन्होंने पानी पी लिया। इशारे से वह परिजनों का जवाब भी देने लगे। परिवारवाले उन्हें जिंदा देख खुश हो गये। सूचना पर आसपास के लोग जुटने लगे। परिवार के लोगों ने कहाकि यह तो गंभीर चिकित्सकीय लापरवाही है। जिंदा व्यक्ति को चिकित्सक ने कैसे मृत घोषित कर दिया। चर्चा का दौरा जारी था तभी रात नौ बजे मिलाप चंद ने दम तोड़ दिया। इस मामले में टांडा मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक बन्याल ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच की जाएगी।


