
देश में पहली बार कोर्ट ने साइबर ठगी को माना आतंकवाद, 9 आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा
कोलकाता के कल्याणी कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Jul 19, 2025, 11:55 IST

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एक करोड़ की ठगी में दोषियों को भारतीय न्याय संहिता और IT एक्ट के तहत उम्रकैद की सजा
नेशनल डेस्क, भदैनी मिरर। भारत में साइबर अपराध के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। पश्चिम बंगाल के कल्याणी की एक अदालत ने शुक्रवार को साइबर ठगी के एक मामले में नौ आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह संभवतः देश में पहला मामला है जब किसी साइबर अपराध में इतनी कठोर सजा सुनाई गई है। 

'डिजिटल गिरफ्तारी' के नाम पर ठगी
यह गिरोह रानाघाट निवासी एक व्यक्ति को फर्जी 'डिजिटल गिरफ्तारी' की धमकी देकर एक करोड़ रुपये की ठगी कर चुका था। आरोपियों को महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात से गिरफ्तार किया गया था। इनमें एक महिला भी शामिल है।
'आर्थिक आतंकवाद' करार दिया कोर्ट ने


अदालत ने अभियोजन पक्ष के इस तर्क से सहमति जताई कि यह मामला केवल ठगी नहीं, बल्कि ‘आर्थिक आतंकवाद’ है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुबर्थी सरकार ने गुरुवार को सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए शुक्रवार को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 338 (दस्तावेजों की जालसाजी) और IT अधिनियम की 11 धाराओं के तहत उम्रकैद की सजा दी।


2600 पन्नों की चार्जशीट और डिजिटल सबूत
CID के IG अखिलेश कुमार चतुर्वेदी के अनुसार, आरोपियों को डिजिटल सबूतों के आधार पर ट्रैक किया गया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने बड़ी संख्या में बैंक पासबुक, ATM कार्ड, मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए। चार राज्यों से आए 29 गवाहों के बयान इस केस में निर्णायक साबित हुए। पुलिस की चार्जशीट 2600 पन्नों की थी।

देशभर में 100 करोड़ की ठगी
विशेष लोक अभियोजक बिवास चटर्जी ने बताया कि यह गिरोह अब तक देशभर में 108 लोगों से 100 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। उन्होंने बताया कि कई पीड़ितों को अपनी संपत्ति तक बेचनी पड़ी, किसी को आश्रम में रहना पड़ा, तो किसी की विदेशी खातों में जीवनभर की कमाई ट्रांसफर कर दी गई।
देश के अन्य हिस्सों में भी केस संभव
पुलिस ने संकेत दिया है कि इन अपराधियों के खिलाफ देश के अन्य हिस्सों में भी मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं।
हालांकि, बचाव पक्ष ने इस फैसले को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।


