Home वाराणसी महाकुंभ का पलट प्रवाह: वाराणसी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़, सड़के- गलियां जाम, यातायात प्रबंधन बना एक कठिन चुनौती

महाकुंभ का पलट प्रवाह: वाराणसी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़, सड़के- गलियां जाम, यातायात प्रबंधन बना एक कठिन चुनौती

by Ankita Yadav
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वाराणसी, भदैनी मिरर। महाकुंभ स्नान के बाद वाराणसी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। शहर के प्रमुख इलाकों में जाम की स्थिति ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है। गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों तक हर तरफ वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं। ऑटो रिक्शा, निजी गाड़ियां और अन्य वाहनों की लंबी कतारें यातायात व्यवस्था को चरमराने पर मजबूर कर रही हैं।

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काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा घाटों की ओर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। गोदौलिया से लेकर मैदागिन तक लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। चौक इलाके की संकरी गलियां भी भक्तों से पूरी तरह भरी हुई हैं। भारी भीड़ के कारण स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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पुलिस प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए विशेष टीमों को तैनात किया है। प्रमुख चौराहों और घाटों पर पुलिसकर्मी हर समय भीड़ को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं। बावजूद इसके, अत्यधिक संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी ने व्यवस्था को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

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महाकुंभ के बाद से श्रद्धालुओं की प्राथमिकता काशी विश्वनाथ और बाबा काल भैरव के दर्शन के साथ गंगा स्नान बनी हुई है। भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने बाहरी वाहनों को शहर में प्रवेश से रोकने के निर्देश दिए हैं। वाहनों को शहर की सीमा पर रोककर पार्किंग स्थलों में खड़ा किया जा रहा है। श्रद्धालु इन पार्किंग स्थलों से ऑटो, ई-रिक्शा या सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से मंदिर और घाटों तक पहुंच रहे हैं।

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श्रद्धालुओं का यह रुझान मकर संक्रांति से शुरू होकर अब तक जारी है। वाराणसी में इस समय जनसंख्या के कई गुना अधिक लोग मौजूद हैं, जिससे यातायात प्रबंधन एक कठिन चुनौती बन गया है।

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श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस ने बाहरी वाहनों को शहर की सीमा पर ही रोक दिया। प्रयागराज से आने वाले वाहनों का शहर में प्रवेश पूरी तरह बंद कर दिया गया। केवल वाराणसी रजिस्टर्ड गाड़ियों को शहरी क्षेत्र में आने की अनुमति दी गई। बाहरी वाहनों को शहर के बाहर निर्धारित पार्किंग स्थलों पर खड़ा करना अनिवार्य किया गया। वहां से श्रद्धालु ऑटो, टोटो, या यूपी-65 रजिस्टर्ड गाड़ियों के जरिए शहर में प्रवेश कर सके। कई क्षेत्रों में चार पहिया वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया।

यह व्यवस्था महाकुंभ के दौरान वाराणसी की भीड़ और यातायात को नियंत्रित करने के लिए लागू की गई, लेकिन फिर भी आम जनता को जाम और भीड़भाड़ का सामना करना पड़ रहा है।

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