फ्रंटियर्स इन साइंस एंड सस्टेनेबिलिटी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन, वक्ताओं ने रखे अपने विचार




1. जलवायु परिवर्तन, हरित प्रौद्योगिकी तथा सतत कृषि पर चर्चा की आवश्यकता :प्रो. आनंद कुमार त्यागी
2. शोध तथा नवाचार को बढ़ावा देने पर सनबीम का फोकस: डॉ. दीपक मधोक
वाराणसी,भदैनी मिरर। सनबीम कॉलेज फॉर विमेन, भगवानपुर में 10 और 11 मार्च 2025 को "विज्ञान और स्थिरता के मोर्चे" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भव्य रूप से संपन्न हुआ. इस संगोष्ठी का उद्देश्य विज्ञान और स्थिरता के विविध आयामों पर चर्चा करना, नवाचारों को बढ़ावा देना और उभरते हुए शोधकर्ताओं को अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करना था.

सम्मेलन का उद्घाटन महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने किया. बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने अपने संबोधन में विज्ञान और स्थिरता के समावेशी विकास पर बल दिया और जलवायु परिवर्तन, हरित प्रौद्योगिकी तथा सतत कृषि की आवश्यकता पर जोर दिया. विशिष्ट अतिथि डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव, निदेशक, आईसीएआर-एनबीएआईएम ने अपने उद्बोधन में कृषि जैवप्रौद्योगिकी और पर्यावरण संरक्षण में वैज्ञानिक नवाचारों की भूमिका पर चर्चा की. उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में विज्ञान के योगदान को रेखांकित किया.

इस अवसर पर सनबीम ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरपर्सन डॉ. दीपक माधोक एवं वाइस चेयरपर्सन भारती माधोक भी उपस्थित रहे. उन्होंने अपने संबोधन में विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान के योगदान को रेखांकित किया और शोध तथा नवाचार को बढ़ावा देने पर बल दिया.सनबीम ग्रुप की असिस्टेंट डायरेक्टर प्रतिमा गुप्ता ने भी सम्मेलन को संबोधित किया और छात्रों एवं शोधकर्ताओं को सतत विकास से जुड़े अनुसंधानों में योगदान देने के लिए प्रेरित किया. इस अवसर पर रजिस्ट्रार संदीप मुखर्जी भी उपस्थित रहे.

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सौरभ सेन एवं प्रशासक सरिता गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया. उन्होंने कॉलेज की शिक्षण यात्रा और सतत विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को साझा किया. उन्होंने इस महत्वपूर्ण सम्मेलन को संभव बनाने में शामिल सभी प्रतिभागियों, आयोजकों और विद्वानों का आभार व्यक्त किया.
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान विभिन्न तकनीकी सत्रों में विज्ञान और स्थिरता से संबंधित विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए. इन सत्रों में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसर, वैज्ञानिक, शोध छात्र और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया और अपने अनुसंधान निष्कर्ष प्रस्तुत किए.
सम्मेलन का समापन आईएमएस, बीएचयू के निदेशक प्रो. डॉ. एस.एन. संखवार की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ. उन्होंने विज्ञान और स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्थिरता को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया और छात्रों को शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. कॉलेज प्रशासन ने इस सफल आयोजन के लिए सभी अतिथियों, वक्ताओं, शोधकर्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी इसी तरह के ज्ञानवर्धक आयोजनों की प्रतिबद्धता जताई.

