Home वाराणसी शतचंडी महायज्ञ और शिव महापुराण कथा का भव्य समापन, अंतिम दिन 12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा का दिव्य वर्णन

शतचंडी महायज्ञ और शिव महापुराण कथा का भव्य समापन, अंतिम दिन 12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा का दिव्य वर्णन

by Bhadaini Mirror
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वाराणसी भदैनी मिरर। शिवपुर स्तिथ अष्टभुजा मंदिर में नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ एवं शिव महापुराण कथा का शुक्रवार को विधिवत संपन्न हुआ। इस महायज्ञ में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जहां भक्तों ने पूर्ण समर्पण के साथ मां भगवती और भगवान शिव की आराधना की। यज्ञाचार्य पंडित हरिकेश पांडेय ने महायज्ञ की पूर्णाहुति के दौरान इसकी महिमा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि शतचंडी महायज्ञ सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने का प्रभावशाली साधन है। उन्होंने कहा, “यह यज्ञ व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है, ग्रहों की प्रतिकूलता को समाप्त करता है और सौभाग्य में वृद्धि करता है।” यज्ञ के दौरान विधिपूर्वक गणपति, नवग्रह और नवदुर्गा की पूजा-अर्चना की गई। 700 श्लोकों के पाठ के साथ यह यज्ञ वैदिक विधानों के अनुसार विद्वान ब्राह्मणों द्वारा संपन्न कराया गया। पंडित हरिकेश पांडेय ने कहा कि यदि यज्ञ के दौरान किसी प्रकार की अशुद्धि हो जाए तो उसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है, इसलिए इसे पूरी निष्ठा और सावधानी से किया जाना चाहिए।

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शिव महापुराण कथा में श्रद्धा की उमंग

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नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा का वाचन बालव्यास आयुष कृष्ण नयन महाराज जी द्वारा किया गया, जिसमें भक्तों को भगवान शिव के विभिन्न लीलाओं और ज्योतिर्लिंगों की महिमा से परिचित कराया गया। कथा के अंतिम दिन अनुसूया माता के पतिव्रता धर्म की शक्ति का उल्लेख किया गया, जिसमें उन्होंने अपनी निष्ठा से त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) को बाल रूप में परिवर्तित कर दिया। इसके अलावा, रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना कथा और भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा का भी विस्तृत वर्णन किया गया। कथा के अंत में महाराज जी ने कहा, “यद्यपि यह कथा काशी में विश्राम पा रही है, लेकिन भक्तों के हृदय में इसकी गूंज हमेशा बनी रहेगी।”

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कलश यात्रा और समापन समारोह

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महायज्ञ और कथा का समापन एक भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ, जिसमें अष्टभुजा सेवा समिति शिवपुर के अध्यक्ष मुरारी लाल गुप्ता सहित कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया। इस आयोजन में सुरेश चौरसिया, श्याम सुंदर मोदनवाल, मनोज केसरी, सुशील जायसवाल, संतोष केसरी समेत कई श्रद्धालु भक्तों का विशेष योगदान रहा। संन्यास,भक्ति और दिव्यता का यह आयोजन शिवपुर क्षेत्र में सनातन संस्कृति के महत्व को और भी अधिक उजागर कर गया, जिसमें हजारों भक्तों ने भाग लेकर शिव और शक्ति की कृपा प्राप्त की।

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