कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं, एपेक्स हॉस्पिटल में साइबर अपराध जागरूकता गोष्ठी में बोले एसीपी क्राइम
स्क्रीन शेयरिंग ऐप डाउनलोड करने से बचने सहित पर्सनल डेटा शेयर न करने की दी सलाह

Apr 4, 2025, 22:31 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर। जितनी तेजी से हम विज्ञान की ओर आगे बढ़ रहे है, उतनी ही तेजी साइबर अपराधी अपने नए-नए हथकंडे अपनाकर जनता को ठग रहे है. साइबर अपराधियों से निपटने के लिए भारत सरकार के गृहमंत्रालय ने कमर कस ली है. साइबर अपराधी इन दिनों डिजिटल अरेस्ट कर जनता से पैसे ऐंठ रहे है. जबकि हमारे कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान ही नहीं है. उक्त बातें वाराणसी कमिश्नरेट के सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) विजय प्रताप सिंह ने एपेक्स हास्पिटल वाराणसी में "साइबर अपराध जागरूकता व समन्वय " विषय पर आयोजित गोष्ठी में कही.

स्क्रीन शेयरिंग ऐप न करें इंस्टॉल
एसीपी क्राइम ने पैरामेडिकल साइंस व नर्सिंग कालेज के करीब 300 छात्र छात्राओं व अध्यापकों को सचेत करते हुए कहा कि कोई भी पुलिस अफसर आपको ऑनलाइन नोटिस नहीं भेज सकता. यह आपके बैंककर्मी, नारकोटिक्स, पुलिस विभाग, सीबीआई विभाग जैसे एजेंसी का बताकर डरवा सकते है. लेकिन आप इनके झांसे में आकर किसी भी प्रकार के स्क्रीन-शेयरिंग जैसे कि AnyDesk, Quick Support, TeamViewer जैसे ऐप इंस्टॉल न करें.

कस्टमर केयर नंबर पर न करें भरोसा
एसीपी क्राइम ने कहा कि अक्सर यह देखने को मिलता है कि किसी भी प्रोडक्ट या संस्था के कस्टमर केयर का नंबर हम गूगल सर्च से निकाल लेते है. लेकिन यहां भी साइबर अपराधियों ने अपने नंबर डाल रहे. इसलिए उन नंबरों पर भरोसा न करें. संबंधित के ऑफियल वेबसाइट से ही कस्टमर केयर का नंबर लें.


पर्सनल डेटा न करें शेयर
छात्र छात्राओं के साथ ही अध्यापकों को बताया गया कि बैंक सम्बन्धित संवेदनशील जानकारी जैसे कि ओटीपी, पिन, सीवीवी आदि किसी के साथ साझा न करें. लोन केवल विश्वसनीय बैंक या आर्थिक संस्थान आदि से ही प्राप्त करें. क्रेडिट कार्ड एक्टीवेशन, ब्लॉक, केवाईसी के नाम पर किसी भी व्यक्ति को बैंक सम्बन्धित संवेदनशील जानकारी उपलब्ध कराने से बचें. OLX, Quikr, Facebook(Meta) आदि वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्रियों का भुगतान बिना भौतिक सत्यापन व सघन जाँच के न करें.

यहां करें शिकायत
बताया गया कि यदि आप साइबर अपराधियों के शिकार हो गए है तो तत्काल यदि किसी व्यक्ति के साथ फ्राड हो जाता है तो पुलिस कंपलेन करके अपने शाखा प्रबन्धक से मिलकर अपने खाते से सबन्धित हुए फ्रॉड की शिकायत कर सकते है. यदि कोई व्यक्ति के बिना गलती के खाते में पैसा कट जाता है, तो अपनी शिकायत बैंक में करें यदि कार्यवाही नही होती है तो 30 दिन के बाद - RBI के लोकपाल website- https://cms.rbi.org.in पर शिकायत कर सकते है.
सहायक पुलिस आयुक्त(क्राइम) विजय प्रताप सिंह ने बताया कि घटना होने के तुरन्त बाद 1930 या 112 पर काल कर अपनी शिकायत दर्ज करायें. या भारत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से जिसका URL- https://cybercrime.gov.in पर शिकायत करें या यू.पी. पुलिस का UPCOP APP के माध्यम से E- F.I.R करें या जनसुनवाई पोर्टल - https://jansunwai.up.nic.in/ पर करें. इसके साथ ही मैनुअल रूप में नजदीकी थाने जाकर थाने पर स्थापित साइबर हेल्प डेस्क अथवा साइबर सेल/साइबर क्राइम थाना पर भी शिकायत कर सकते है.
साइबर क्राइम पुलिस थाना से प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार सिंह व ए.एस.आई. श्याम लाल गुप्ता , का. विश्वजीत राय द्वारा साइबर जागरूगता कार्यक्रम में प्रतिभाग कर साइबर अपराध से बचाव से टिप्स दिये गये.


