वाराणसी, भदैनी मिरर। भदैनी के राजेंद्र कुमार गुप्ता सहित परिवार के 5 लोगों की हत्या के आरोपी एप डेवलपर विशाल उर्फ विक्की अपनी बहन के शादी में भी घर नहीं आया था. वह अपने घर अंतिम बार 30 सितंबर 2024 को आया और सबसे मिला. इस दौरान उसने परिवार के सभी सदस्यों की गतिविधियों को बारीकी से देखा. 3 नवंबर को उसने सबसे बताया कि वह अहमदाबाद जा रहा है.
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पुलिस पूछताछ में विक्की ने बताया कि वह थोड़ी देर बाद फिर मुंह पर गमछा बांधकर और बैग लिए मजदूरों की तरह फिर भदैनी पहुंचा और एक-एक गली की रेकी की. उसके बाद पुनः वह बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के सर सुंदरलाल अस्पताल जाकर खुले आसमान के नीचे सो गया. 4 नवम्बर को पूरे दिन वह बीएचयू कैंपस में टहलता रहा. रात करीब 11:30 बजे वह रामपुर, मीरापुर स्थित ताऊ राजेंद्र कुमार गुप्ता के निर्माणाधीन मकान पहुंचा और गोली मारकर हत्या की. उसके बाद वह लठिया तक पैदल आया. वहां एक फूड डिलीवरी बॉय से मोबाइल मांगकर ऑटो बुक किया. वहां से वह भिखारीपुर, भिखारीपुर से कैंट और वहां से ऑटो पकड़कर भदैनी पहुंचा. सभी ऑटो वालों को उसने 500-500 रुपए दिए. विक्की घर में पीछे से आया और छत के रास्ते घर में दाखिल हो गया.
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करीब चार घंटे बाद विक्की ने बड़ी मां नीतू जब सबमर्सिबल पांच चालू करने उठी तो प्रथम तल पर साढ़े 5 बजे उन्हें गोली मारी, उसके बाद दूसरे तल पर चचेरे भाई-बहनों के कमरे में गया. सोए हुए शुभेंदु को उसने बेड पर गोली मारी. नामेंदु फायरिंग की आवाज सुनकर जग गया तो उसको दौड़कर बाथरूम के गेट पर गोली मारी और अंत में गौरांगी को गोली मारी. विक्की ने पुलिस को बताया कि 5 हत्याओं में उसने 32 राउंड फायरिंग की थी. घटना को अंजाम देने के बाद विक्की हाथ-मुंह धोए, कपड़े बदले और फिर मजदूरों के वेश में घर के पिछले हिस्से से निकला और मुगलसराय चला गया. वहां से वह पटना और फिर कलकत्ता पहुंचा. वारदात में इस्तेमाल पिस्टल को मधुबनी से 1 लाख रुपए में खरीदी गई .32 बोर की दो देसी पिस्टल और बचे कारतूस को उसने हुगली नदी में फेंक दी. विक्की ने 40 कारतूस खरीदे थे. उसके बाद वह स्टेशनों पर दिन काटता रहा.
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