वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन (Varanasi Cantt Railway Station) से प्रीपेड ऑटो रिक्शा एवं टैक्सी का स्टैंड खत्म किए जाने की संभावनाओं से सशंकित चालकों ने शनिवार को कैंट स्टेशन के सामने स्टैंड पर विरोध जताया. चेतावनी दी है कि हमारा टेंडर 1 जनवरी को खत्म हो रहा है, यदि टेंडर का लाइसेंस शुल्क नहीं जमा होता है तो हम आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. कहा कि हम पिछले 70 वर्षों से सरकार के नियमों का पालन कर रहे है, लेकिन यहां टेंडर प्रक्रिया (प्राइवेटाइजेशन) करने की योजना है जिसका हम पुरजोर विरोध करेंगे.
नहीं लिया गया ज्ञापन
ऑटो रिक्शा चालक यूनियन वाराणसी के नेतृत्व में कैंट स्टेशन के डायरेक्टर को चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपने पहुंचे चालकों का आरोप था कि उन्होंने ज्ञापन नहीं लिया. उसके बाद चालकों ने डीआरएम से फोन पर वार्ता की. उन्होंने एडीआरएम को ज्ञापन सौंपने की बात कही, लेकिन एडीआरएम अपने कार्यालय में नहीं मिले. जिसके बाद चालक भड़क गए और स्टैंड के सामने जोरदार प्रदर्शन किया.
बिना नोटिस के चल रही प्रक्रिया
ऑटो रिक्शा चालक यूनियन वाराणसी के जिलाध्यक्ष ने कहा कि शुक्रवार को स्टैंड की नापी हुई है. आज हम लोग जब पत्रक देने डायरेक्टर कैंट के पास गए तो उन्होंने पत्रक लेने के लिए सोमवार को बुलाया है. बताया कि हम 70 सालों से इनका किराया दे रहे हैं. कहा कि यदि किसी मकान में एक महीना किरायेदार रह लेता है तो उसको नोटिस दिया है, लेकिन हमें बिना सूचना दिए ही प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है. चेताया कि आगामी 1 जनवरी को प्रीपेड स्टैंड का शुल्क जमा करवाया जाए, अन्यथा हम आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
बेलगाम हो गए है अधिकारी
ऑटो चालक कैलाशनाथ गुप्ता ने कहा कि प्रयागराज में सनातनियों का महाकुंभ लगने जा रहा है. हर जगह सुविधाएं बढ़ाई जा रही है, लेकिन काशी में ऑटो चालकों से सुविधाएं छीनी जा रही है. आरोप लगाया कि मोदी-योगी के सरकार में अधिकारी बेलगाम हो गए है. वह खुद को सरकार मान लिए है. पहले हम लोगों को सड़क किनारे भेजा गया, हम लोगों ने विरोध नहीं किया. अब प्राइवेटाइजेशन करके हमें उजाड़ने का प्रयास है. हम लोग वर्षों से इसी स्टैंड से कमाते- खाते है, परिवार का जीविका चलाते है.
ताज मोहम्मद खान ने कहा कि प्राइवेटाइजेशन के बाद जब हम ऑटो या टैक्सी लेकर स्टेशन कैंपस में आयेंगे तो ₹ 100 देना होगा. यह बोझ सीधे यात्रियों पर पड़ेगी. चेताया कि यदि स्टैंड का टेंडर होता है तो हम गाड़ियों को खड़ा करके चक्काजाम करेंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी रेलवे के अधिकारियों की होगी. कहा कि पूर्व की भांति 1 जनवरी को छह माह का पार्किंग शुल्क काटा जाए, फिर आगे की लड़ाई लड़ी जाए.