वाराणसी, भदैनी मिरर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्र-छात्राओं की रिहाई, फर्जी मुकदमों की वापसी और बीएचयू प्रशासन के दमनात्मक रवैये के खिलाफ जारी आंदोलन के तहत गुरुवार को एक राजनीतिक, नागरिक और छात्र प्रतिनिधिमंडल बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति से मिलने के लिए सेंट्रल ऑफिस पहुंचे।
पूर्व सूचना देने के बावजूद, गेट पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और रेक्टर से मिलने से मना कर दिया। प्रतिनिधि मंडल ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रशासन की तानाशाही अब अपनी सीमा पार कर चुकी है। इससे पहले, जब प्रतिनिधि मंडल पुलिस आयुक्त से मिलने गया था, तब भी तीन घंटे इंतजार के बावजूद उन्हें नहीं मिलने दिया गया था, और बाद में अपने मांग पत्र को दीवार पर चिपका दिया गया था।
प्रतिनिधि मंडल ने यह भी सवाल उठाया कि प्रशासन को मिलने में क्या समस्या हो रही है, क्योंकि उसका मुख्य काम ही जनता की समस्याओं को सुनना है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पद पर बैठे लोग लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं और केवल सत्ता के आदेशों का पालन कर रहे हैं।
चरणबद्ध आंदोलन की दिशा तय करने के लिए 20 जनवरी को प्रतिनिधि मंडल ने एक बैठक बुलाने का निर्णय लिया। प्रतिनिधि मंडल ने यह स्पष्ट किया कि वे हतोत्साहित नहीं होंगे और जल्द ही बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।
प्रतिनिधि मंडल में कांग्रेस पार्टी के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, जिला अध्यक्ष राजेश्वर पटेल, प्रवक्ता संजीव सिंह, कम्युनिस्ट फ्रंट के फसाहत हुसैन बाबू, समाजवादी जनपरिषद के राजेंद्र चौधरी, भगत सिंह आंबेडकर विचार मंच के एसपी राय, पीयूसीएल के प्रवाल सिंह, यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव सिद्धार्थ केसरी, समाजवादी पार्टी के अंजनी, नागरिक समाज के विनय, और कई अन्य संगठन शामिल थे।