वाराणसी,भदैनी मिरर। जौनपुर के एक स्कूल में स्थायी नियुक्ति के लिए ढ़ाई लाख रुपये के हड़पने और धमकी देने के मामले में स्कूल प्रबंधक आरोपी अनवार अहमद काशमी को कोर्ट से राहत मिल गई. विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रजत वर्मा ने 75 हजार रुपये बंधपत्र और दो जमानतें देने पर रिहा करने का आदेश दे दिया. बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट में एडोकेट शाइनी शेख ने जोरदार तरीके से पक्ष रखा.
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अभियोजन के मुताबिक पीड़िता की बहन नृणालिनी सिंह 2009 से अनवार अहमद के स्कूल में अस्थायी रूप से कार्यरत थी. वर्ष 2013 में विपक्षी ने प्रार्थिनी के घर आकर बताया कि उसके विद्यालय में स्थायी आधुनिक अध्यापक की नियुक्ति होनी है जिसमें सरकार द्वारा अच्छा वेतन दिया जायेगा जिस पर प्रार्थिनी ने उससे अपनी बहन की नियुक्ति स्थायी करवाने हेतु निवेदन किया. जिसके लिए विपक्षी ने ढाई लाख रूपये की मांग की. विपक्षी के कहने पर प्रार्थिनी ने पैसे दे दिया. विपक्षी प्रार्थिनी को जल्दी नियुक्ति का आश्वासन देता रहा. विपक्षी ने 7 अक्टूबर 2017 को प्रार्थिनी की बहन को अपने विद्यालय से निष्कासित कर दिया. प्रार्थिनी ने कई बार विपक्षी से मिलकर उसकी बहन को नौकरी लगवाने के लिए कहती रही लेकिन वह कोई न कोई बहाना बनाता रहा. 24 दिसंबर 2018 को प्रार्थिनी ने विपक्षी से अपने पैसे की मांग किया तो उसने कहा कि वह पैसा ऊपर दे चुका है. अब पैसा वापस नही कर सकता. आरोप है कि अनवार ने प्रार्थिनी को धोखा देकर ढाई लाख रूपये हडप लिया है तथा पैसे की मांग करने पर उसकी हत्या करने की धमकी देता है. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर सिगरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी.
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बचाव पक्ष की ओर से एडोकेट शाइनी शेख ने कोर्ट को बताया कि अनवार को मामले में रंजिशन झूठा फंसाया गया है और वह इस मामले में निर्दोष है. वास्तविकता यह है विद्यालय की मान्यता सन 2011 में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद से स्वीकृत हुई. मान्यता सन 2011 से है जबकि परिवादिनी अपनी बहन को 2009 में कार्यरत बताया गया है, जो झूठ है. कोर्ट ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस और प्रस्तुत पत्रावलियों को देखते हुए अभियुक्त अहमद काशमी का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया. अभियुक्त को 75,000 रूपये के व्यक्तिगत बंधपत्र व इतनी ही धनराशि के दो प्रतिभू प्रस्तुत्त करने पर अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
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