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युवा नशे के साथ-साथ मोबाइल और रील की लत से भी दूर रहें, युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोले डॉ. मनसुख मांडविया

देशभर के 122 आध्यात्मिक-सामाजिक संगठनों के 600 से अधिक युवाओं की भागीदारी

 

वाराणसी,भदैनी मिरर। केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में शनिवार को ‘विकसित भारत के लिए नशामुक्त युवा’ विषय पर युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। इस सम्मेलन में देश भर से आए 600 से अधिक युवा प्रतिभागी शामिल हुए, जो 122 आध्यात्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय युवा मामले, खेल, श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि “2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना तभी साकार होगा जब हमारे युवा नशे के साथ-साथ मोबाइल फोन और रील की लत से भी दूर रहें।”


युवाओं की भूमिका अहम: प्रधानमंत्री के पंच प्रण का उल्लेख

डॉ. मांडविया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2022 को लाल किले से दिए गए 'अमृत काल के पंच प्रण' का उल्लेख करते हुए कहा कि युवाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना विकसित भारत की कल्पना अधूरी है। भारत की 65% आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है, जिससे युवाओं की शक्ति को राष्ट्र निर्माण में जोड़ा जाना अनिवार्य हो गया है।

उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं का सेवन, मोबाइल की लत और डिजिटल रील्स में डूबे रहना आज के युवाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। यही कारण है कि अब केवल नीति या कानून से नहीं, बल्कि जन आंदोलन के रूप में नशा मुक्ति अभियान चलाया जाना जरूरी है।
केन्द्रीय मंत्री ने धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े नेताओं से अपील की कि अपने मंचों और प्रभाव का उपयोग करके युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा, “केवल शिविरों से नहीं, बल्कि हर नागरिक को चाहिए कि वह कम से कम पांच अन्य लोगों को इस अभियान में जोड़े।”

काशी घोषणा और चार थीमैटिक सत्रों का आयोजन

शिखर सम्मेलन का समापन 20 जुलाई को ‘काशी घोषणा’ के विमोचन के साथ होगा, जो नशामुक्त भारत के लिए युवाओं और आध्यात्मिक संगठनों की सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक दस्तावेज होगा। यह नीति निर्माताओं, NGOs और रिहैब संगठनों के लिए मार्गदर्शक चार्टर का कार्य करेगा।

सम्मेलन के दौरान चार प्रमुख विषयों पर आधारित सत्र आयोजित किए जा रहे हैं जिनमें- युवाओं पर नशे की लत का प्रभाव, ड्रग नेटवर्क और वाणिज्यिक हितों का भंडाफोड़, प्रभावी जनजागरूकता रणनीतियाँ और 2047 तक नशामुक्त भारत हेतु दीर्घकालिक योजना शामिल है।  इन सत्रों में विशेषज्ञों के व्याख्यान, पैनल चर्चाएं और इंटरएक्टिव मंचों के जरिए विचारों का आदान-प्रदान हो रहा है।