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योगी सरकार से लाभांश बढ़ाने और मिनिमम इनकम गारंटी की मांग: 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी

ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर एसोसिएशन, यूपी ने सीएम योगी को भेजा ज्ञापन; कहा—90 रुपये प्रति कुंतल में गुज़ारा नामुमकिन, हरियाणा-केरल जैसे राज्यों की तर्ज पर बढ़ाया जाए लाभांश 
 

 

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के उचित दर विक्रेताओं ने लाभांश बढ़ाने और मिनिमम इनकम गारंटी लागू करने की मांग को जिला आपूर्ति अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन सौंपा है। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश ने स्पष्ट कहा है कि वर्तमान में मिलने वाला 90 रुपये प्रति कुंतल लाभांश बेहद कम है, जिसके चलते कोटेदारों के परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है।

 कोरोना काल में मुफ्त वितरण का उदाहरण देते हुए सरकार से न्याय की मांग


एसोसिएशन ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कोटेदारों ने कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और NFSA के तहत निःशुल्क राशन वितरण ईमानदारी से किया, और इस कार्य की भारत सरकार ने भी सराहना की थी।
कोटेदारों ने नियमित वितरण के साथ आयुष्मान कार्ड बनाने, किसान फॉर्मर रजिस्ट्री, वोटर लिस्ट संशोधन सहित कई सरकारी कार्यों में भी सक्रिय सहयोग दिया है।


अन्य राज्यों में अधिक लाभांश, यूपी में अब भी 90 रुपये


मांगपत्र में बताया गया कि देश के कई राज्यों में लाभांश बढ़ा हुआ है—

  • हरियाणा: ₹200 प्रति कुंतल
  • गोवा: ₹220 प्रति कुंतल
  • केरल: ₹200 प्रति कुंतल
  • दिल्ली: ₹200 प्रति कुंतल
  • गुजरात: ₹20,000 मिनिमम इनकम गारंटी

इसके मुकाबले उत्तर प्रदेश में मात्र ₹90 प्रति कुंतल लाभांश मिलने से कोटेदारों में भारी नाराज़गी है।

28 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी


एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते लाभांश नहीं बढ़ाया गया और मिनिमम इनकम गारंटी लागू नहीं की गई, तो 28 जनवरी 2026 से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और विधानसभा घेराव किया जाएगा।
संगठन ने स्पष्ट कहा है कि यदि आंदोलन की नौबत आती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन–प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।


सरकार पर निष्पक्ष निर्णय का दबाव

उचित दर विक्रेता लंबे समय से बढ़ती महंगाई और कम लाभांश को लेकर असंतुष्ट हैं। नए ज्ञापन के साथ अब सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह अन्य राज्यों की तर्ज पर यूपी के कोटेदारों के लिए वास्तविक और व्यवहारिक लाभांश तय करे।