वाराणसी : दस दिन से कुएं में जिंदगी-मौत से जूझ रहे ’सियार’ को ग्रामीणों के प्रयास से मिला नया जीवन
मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के रामसिंहपुर गांव में सर्पमित्र रतन गुप्ता के प्रयास से बची जान
रातभर कुएं में सियार के रोने की आवाज से दहशत में आ गये थे बच्चे
मिर्जामुराद, भदैनी मिरर। वाराणसी के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के रामसिंहपुर गांव में दस दिन से करीब 60 फीट गहरे सूखे कुएं में गिरे सियार को सर्पमित्र रतन गुप्ता और ग्रामीणों के सहयोग से रविवार की सुबह बाहर निकाला गया। दस दिन से भूखे-प्यासे जिंदगी बचाने की जद्दोजहद कर रहे सियार को आखिरकार नई जिंदगी मिली। लोगों ने जैसे ही रस्सी खोला सियार खेतों की ओर अपने कुनबे में भाग निकला।
सियार 9 दिन पहले कुंए में गिरा था और कुआं लगभग सूखा था। नहीं तो वह पानी में और भी नही बच पाता। इस दौरान लोगों की नजर पड़ी लेकिन कोई उसे निकालने का साहस नही कर सका। लोगों को डर था सियार जंगली है और वह उन्हें काट सकता है। फिर भी लोगों को उस पर दया आई। लोगों ने कईयों से कोई उपाय कर उसे निकालने को कहा, मगर कोई तैयार नही हुआ। रात में सियार उसी कुएं में आवाज लगाता और रोता रहा। हालत यह हो गई कुएं में रातभर उसके रोने की आवाज सुनकर आसपास के बच्चे भी डर गये थे।
आखिरकार सर्प मित्र रतन गुप्ता को सूचना मिली तो वह पहुंचे। रस्सी का इंतजाम हुआ। किसी तरह जुगाड़ से सियार को रस्सी से बांधकर उपर खींच लिया गया। बाहर निकलने के बाद भी वह काफी बचैन था। किसी तरह उसका बंधन खोला गया। कुछ देर तक सियार को यह अहसास नही हुआ कि वह बंधन मुक्त हो चुका है। थोड़ी देर में जैसे ही उसे बंधन से आजाद होने का अहसास हुआ तत्काल खेतों की ओर तेजी से भाग निकला। ग्रामीणों के प्रयास से आज एक जानवर की जान बच सकी।