वाराणसीः मंडुवाडीह थाने के पास मकान से हो रही थी नशे के सामानों की तस्करी, सगे भाई गिरफ्तार
पांच मंजिला मकान से हरियाणा की 25 बोतल शराब, सवा किलो गांजा, कोकीन पैक करने की पन्नी, तमंचा, दो कारतूस आदि बरामद
चेतगंज थाना क्षेत्र के चौकाघाट में पकड़ा गया था इनका एजेंट तो खुला मामला
चौक के रहनेवाले बताये जा रहे देवेंद्र और महेंद्र मिश्रा, सात साल से कर रहे थे नशे का कारोबार
लखनऊ, सुल्तानपुर, बनारस समेत कई जिलों में दर्ज हैं इनके खिलाफ मुकदमे
वाराणसी, भदैनी मिरर। मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के सरकारीपुरा मोहल्ले के पांच मंजिला मकान में मादक पदार्थों की तस्करी का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा था। आश्चर्यजनक यह कि थाने से महज दो सौ मीटर पर यह कारोबार लम्बे समय से चल रहा था और पुलिस को इसकी जानकारी नही थी। पुलिस ने जबर्दस्त घेराबंदी और काफी प्रयास के बाद मकान से दो सगे भाईयों देवेंद्र मिश्रा और महेंद्र मिश्रा को गिरफ्तार किया। दोनों अपने को चौक थाना क्षेत्र के रहनेवाले बता रहे हैं। पुलिस के मुताबिक इन दोनों तस्करों के खिलाफ वाराणसी के अलावा लखनऊ, सुल्तानपुर सहित अन्य जिलों में मादक पदार्थों की खरीद-बिक्री के आरोप में मुकदमे दर्ज हैं। फिलहाल अभी तक इन्होंने जितना कबूला है उसके मुताबिक यह करीब सात साल से नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं। इनका संगठित गिरोह है। पुलिस ने मौके से हरियाणा निर्मित शराब की 25 बोतल, सवा किलो गांजा, कोकीन पैक करने की पन्नी, तमंचा, दो कारतूस, इलेक्ट्रॉनिक तराजू, पैकिंग मशीन, आधा दर्जन रजिस्टर, कंडोम और एमडीएमए क्रिस्टल बरामद हुआ है।
चौकाघाट में पकड़ा गया एजेंट तो तस्कर चढ़े हत्थे
दरअसल छापेमारी की कहानी की शुरूआत चौकाघाट से होती है। पुलिस ने बताया कि चेतगंज थाने की नाटीइमली चौकी के इंचार्ज शुभेंदु दीक्षित चौकाघाट स्थित लकड़ी मंडी चौराहे पर शुक्रवार को वाहन चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान चंदौली के एकौनी गांव का निवासी अनिकेत चौहान नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा गया। उसके पास से 12 पुड़िया गांजा, 10 पुड़िया हेरोइन, दो पुड़िया कोकीन, दो आईफोन और बाइक बरामद हुई। पुलिस अनिकेत को चेतगंज थाने ले गई और उससे कड़ाई से पूछताछ होने लगी तो उसने राज उगलने शुरू किये। पुलिस ने उसका मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाया तो पता चला कि वह नशीले पदार्थ की तस्करी करनेवाले गिरोह से जुड़ा है। वह बनारस और चंदौली में इसकी सप्लाई करता रहा। इसके बाद शनिवार की रात पुलिस सर्विलांस की मदद से सरकारीपुरा के संकरी गली में पहुंची।
पुलिस को दबाव में लेने के लिए वकीलों का बुला लिया
वहां आधा बिस्वा से अधिक जमीन पर बने पांच मंजिला आलीशान मकान के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे थे। पुलिस को मुकम्मल जानकारी हो चुकी थी कि कारोबार इसी मकान से हो रहा है। पुलिस ने दरवाजा खोलवाने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा नही खोला जा रहा था। पुलिस ने अधिकारियों को सूचना दी और मकान की चारो ओर से घेराबंदी कर ली। इधर, अंदर मौजूद सगे भाई और परिवार के लोग सीसीटीवी कैमरे के लिए बाहर मौजूद पुलिस को देख चुके थे। वह अपने बचाव में अंदर रखे सामान हटाने में लग गये थे। इसी बीच मकान में रह रहे लोगों ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए अपनी जान-पहचान के वकीलों को बुला लिया। पुलिस और वकीलों में कुछ देर तक विवाद हुआ। पुलिस ने जब सच्चाई बतानी शुरू की तो वकील पीछे हटे। मौके पर पहुंचे एडीसीपी काशी जोन ने कहा कि अगर मकान के अंदर के लोग बाहर नहीं आएंगे तो पुलिस को दूसरा तरीका अपनाना होगा। इसी बीच पुलिस ने ड्रोन उड़ा कर मकान की पांचवीं मंजिल पर देखा कि भवन स्वामी कुछ सामान नष्ट करने का प्रयास कर रहा है। उसने अपना मोबाइल फोन भी छत से फेंक दिया। घंटों दरवाजा बंद रखने और वकीलों वाला हथियार भी फेल हो जाने के बाद भवन में रहनेवाले लोगों ने विवश होकर दरवाजा खोला। मकान में देवेंद्र मिश्रा और महेंद्र मिश्रा मिले जो अपने को सगे भाई और चौक थाना क्षेत्र के निवासी बता रहे थे।
तस्करों को पुलिस ले गई चेतगंज थाने
देर रात तक चली छापे की कार्रवाई के बाद पुलिस दोनों आरोपितों को पकड़ कर चेतगंज थाने ले गई। पुलिस का कहना है कि अब तक मिली जानकारी के अनुसार दोनों वर्ष 2018 से नशे के कारोबार से जुड़े हैं। इन दोनों के खिलाफ इससे पहले भी वाराणसी, सुल्तानपुर, लखनऊ समेत अन्य जनपदों में नशीले पदार्थों की खरीद-बिक्री के मामले दर्ज हो चुके हैं। पुलिस गिरोह के सरगना और अन्य साथियों की तलाश कर रही है। सूत्रों के अनुसार काशी के घंटा घाटों, कुछ रेस्टोरेंटों में नशे के सामानों की आपूर्ति में भी इस गिरोह का हाथ है। पता यह भी चला है कि पक्के महाल में कुछ और ऐसे ही तस्कर हैं, जिनका नशे के कारोबार का बड़ा नेटवर्क है। दिखावे के लिए यह वस्त्र का व्यवसाय भी करते हैं।