Varanasi Ropeway : काशी में तेजी से हो रहा रोप-वे का निर्माण कार्य, बिजली कटौती, बारिश और कोहरा भी नहीं रोक पाएंगे गोंडोला की रफ्तार
-हर 1.5-2 मिनट में मिलेगी गोंडोला
-घंटों का सफर मिनटों में
-तेज़ आंधी में अलर्ट, गोंडोला जाएगा गैरेज में
Varanasi Ropeway : विकास और विरासत के अद्भुत संगम की मिसाल बन चुकी काशी अब एक और इतिहास रचने की ओर बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार काशी को आधुनिकता से जोड़ते हुए यहां यातायात व्यवस्था को विश्वस्तरीय बना रही है। इसी क्रम में देश का पहला अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे काशी में बनकर तैयार हो रहा है, जिसका निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
बिजली कटौती, बारिश और कोहरा भी नहीं रोक पाएंगे गोंडोला की रफ्तार
विशेष तकनीक से तैयार यह रोप-वे हर मौसम में चलने में सक्षम होगा। चाहे आंधी हो, बरसात या कोहरा—गोंडोला की रफ्तार पर इसका खास असर नहीं पड़ेगा। इतना ही नहीं, बिजली जाने की स्थिति में दोहरी बैकअप व्यवस्था की गई है। डीजल इंजन और जनरेटर की सहायता से रोप-वे सुचारू रूप से चलता रहेगा।
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद काशी में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। इस बढ़ती भीड़ को सुगम और सुरक्षित यातायात सेवा देने के उद्देश्य से रोप-वे एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। करोड़ों की लागत से बन रहे इस प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण का पहला सेक्शन—कैंट से रथयात्रा—75% से अधिक पूरा हो चुका है और इसे मई तक पूरा करने का लक्ष्य है। वहीं, रथयात्रा से गोदौलिया तक का सेक्शन सितंबर तक तैयार होने की उम्मीद है।
हर 1.5-2 मिनट में मिलेगी गोंडोला
रोप-वे के जरिए हर दिशा में प्रतिघंटा 3000 लोग सफर कर सकेंगे यानी दोनों दिशा में कुल 6000 लोग एक घंटे में यात्रा कर पाएंगे। गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन का सफर मात्र 16 मिनट में पूरा हो जाएगा। लगभग 45-50 मीटर ऊंचाई पर चलने वाली 148 ट्रॉली कारों में से प्रत्येक में 10 यात्री सवार हो सकेंगे। यह अत्याधुनिक सेवा प्रतिदिन 16 घंटे संचालित होगी।
तेज़ आंधी में अलर्ट
अगर हवा की रफ्तार बेहद तेज़ होती है, तो सेंसर ऑटोमेटिक अलर्ट जारी करेगा और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गोंडोला को गैरेज में पार्क कर दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा से समझौता न हो।