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वाराणसी: काशी संवाद कार्यक्रम में विकसित भारत की दिशा में शिक्षा, ऊर्जा और पर्यावरण पर हुई चर्चा

मंत्री अनुप्रिया पटेल और पूर्व मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य पर साझा की राय

 

वाराणसी, भदैनी मिरर। बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में आयोजित काशी संवाद कार्यक्रम में शिक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण और समाज के समग्र विकास पर विचार-विमर्श हुआ। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और पूर्व मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने विकसित भारत के लक्ष्यों और वर्तमान पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।

अवनीश अवस्थी का दृष्टिकोण

पूर्व मुख्य सचिव अवस्थी ने कहा कि काशी ने पिछले कुछ वर्षों में अद्भुत परिवर्तन देखा है। उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं इस बदलाव का प्रमुख आधार बनीं और उन्होंने योगी सरकार के साथ कार्यकाल में इस प्रक्रिया का हिस्सा बनने का अनुभव साझा किया।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना तैयार की गई है। इसके लिए शिक्षा की गुणवत्ता और लर्निंग आउटकम को बेहतर बनाना प्राथमिक आवश्यकता है। अवस्थी ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में बायो गैस उत्पादन, पीएम सोलर मिशन, क्रॉप रेजिड्यू मैनेजमेंट, वेस्ट मैनेजमेंट और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शोध और कार्य चल रहा है।

ग्रामीण शिक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि शहरों में बच्चे ढाई वर्ष की उम्र में स्कूल पहुँच जाते हैं, जबकि गांवों में यह छह वर्ष तक होती है। इस खाई को कम करने के लिए राज्य में बल वाटिका की शुरुआत की गई है। उन्होंने युवाओं को मोबाइल और सोशल मीडिया की अत्यधिक निर्भरता से बचने की सलाह दी।

अनुप्रिया पटेल का संदेश

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब सरकार वंचित वर्गों और महिलाओं के लिए समर्पित होकर कार्य करे। उन्होंने बताया कि विभिन्न योजनाओं का लाभ सबसे अधिक महिलाओं को मिला है, जिससे मातृत्व मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

पर्यावरण संरक्षण पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अपने वैश्विक दायित्वों का पालन कर रहा है। उन्होंने विशेष रूप से 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन और 2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा खपत कम करने के लक्ष्य को विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।